आरसीए की बैठक में बरपा हंगामा, आरएस नांदू ने लगाए गंभीर आरोप
जब बात आगे बढ़ती हुई नजर आई तो आरसीए पदाधिकारियों द्वारा तीनों ही जिला संघों के पदाधिकारियों को मीटिंग से बाहर जाने की नसीहत दे दी गई.
Jaipur: आरसीए एकेडमी में आज विशेष साधारण सभा की बैठक का आयोजन किया गया लेकिन ये बैठक एक बार फिर से काफी हंगामेदार रही. बैठक में शामिल होने के लिए नागौर,अलवर और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी भी पहुंचे थे लेकिन बैठक की शुरूआत में ही आरसीए पदाधिकारियों और तीनों जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों में तीखी नोकझोक देखने को मिली.
जब बात आगे बढ़ती हुई नजर आई तो आरसीए पदाधिकारियों द्वारा तीनों ही जिला संघों के पदाधिकारियों को मीटिंग से बाहर जाने की नसीहत दे दी गई. वहीं तीनों जिला संघों को निलंबित करने का फैसला भी उनके सामने ही सुना दिया गया. जिसके बाद तीनों ही जिला संघों को पदाधिकारियों ने आरसीए पर कई गंभीर आरोप लगाए.
नागौर जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी आरएस नांदू ने आरोप लगाते हुए कहा, " आरसीए को पूरी तरह से राजनीति की अखाड़ा बनाया जा रहा है. चुन-चुन कर जिला संघों के खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है. अलवर, श्रीगंगानगर और नागौर जिला क्रिकेट संघ द्वारा हर बार भेजे गए स्पष्टीकरण को नकारा गया और आज तीनों जिला संघों के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई करते हुए निलंबित करने का फैसला लिया है. साथ ही आरसीए के पदाधिकारियों द्वारा कई बड़े भ्रष्टाचार को भी अंजाम दिया जा रहा है."
वहीं श्रीगंगानगर डीसीए पदाधिकारी विनोद सारण ने आरोप लगाते हुए कहा, "आरसीए की जो कार्यकारिणी है वो कोई सुनवाई ही नहीं करना चाहती है. नागौर डीसीए के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी हैं जबकि आरसीए लगातार मना कर रही है की डूडी के अध्यक्ष होने के कागज उनके नहीं मिले हैं उनकी नजरों में तो ललित मोदी ही अब तक अध्यक्ष हैं. ऐसे में आरसीए के पदाधिकारी सिर्फ मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं."
वहीं नांदू और विनोद सारण के आरोपों को जवाब देते हुए आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने कहा, '' पहले भी इन लोगों के कार्यों के चलते आरसीए पर बीसीसीआई का एक लम्बा बैन लग चुका है. ऐसे में हम नहीं चाहते की दोबारा ऐसी कार्रवाई का सामना करना पड़े इसलिए जब तक इनका स्पष्ट जवाब प्राप्त नहीं होता है तब तक इन तीनों ही जिला संघों को निलंबित करने का सर्व सम्मति से फैसला लिया गया है."
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