Jaipur: साल 2021 में आयोजित हुई रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा पेपर लीक के लिए सदियों तक याद की जाएगी.सरकार की ओर से जहां 2021 में रीट परीक्षा को एक त्यौहार के रूप में मनाते हुए इस परीक्षा को भव्य रूप से आयोजित करवाया गया था. वहीं, लेवल 2 का पेपर लीक होना भी शिक्षा विभाग के लिए शर्म की बात बनी, लेकिन साल 2022 में 46 हजार 500 पदों पर आयोजित होने जा रही इस परीक्षा में सरकार और शिक्षा विभाग कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहा है. परीक्षा में अब महज 6 दिनों का समय बचा है.ऐसे में परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ हो इसको लेकर सरकार और शिक्षा विभाग पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है.


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राजस्थान में 1376 परीक्षा केंद्र बनाए गए


23 और 24 जुलाई को रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन होने जा रहा है और परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ करवाने के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में नजर आ रहा है. परीक्षा के प्रश्न पत्र, ओएमआर शीट, परीक्षा केन्द्र एवं संग्रहण केंद्रों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था को लेकर लगातार मीटिंग्स के दौर जारी है. राजस्थान के करीब सभी जिला मुख्यालयों पर रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए केन्द्र बनाए गए हैं. परीक्षा में इस बार 15 लाख 66 हजार 992 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. इसमें 13 लाख 65 हजार 831 परीक्षार्थी जहां राजस्थान के मूल निवासी है. वहींं, 2 लाख 1 हजार 161 परीक्षार्थी राजस्थान के बाहर से पंजीकृत हैं.


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जयपुर में करीब साढ़े 3 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे. रीट परीक्षा में सभी जिलों में अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अधिकांश परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालयों पर बनाए गए हैं. प्रदेशभर में रीट परीक्षा के लिए 1376 परीक्षा केंद्र बनाए गए है., सबसे ज्यादा परीक्षा केंद्र जयपुर में  219 सरकारी और निजी परीक्षा केंद्र बनाए गए है.


परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम


परीक्षा को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए प्रदेशभर में करीब 30 हजार से ज्यादा CCTV  कैमरे लगाए जाएंगे. जिसकी मॉनिटरिंग शिक्षा विभाग के साथ पुलिस के अभय कमांड सेंटर को भी दी जाएगी., वहीं परीक्षा केंद्र पर पेपर आने से लेकर फिर से पेपर जाने तक के हर पर की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई जाएगी. इस दौरान नकल रोकने के लिए अभ्यर्थियों को मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद ही केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा.वहीं, कलेक्टर के वेरिफिकेशन के बाद ही परीक्षा केंद्र पर कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा.. इस दौरान केंद्र पर तैनात कर्मचारी भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. साथ ही परीक्षा के दौरान लगाए जाने वाले वाहनों के जीपीएस लगाया जाएगा., रीट परीक्षा में नकल जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए परीक्षा केंद्र पर एक घंटे पहले प्रवेश दिया जाएगा. शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक इस बार परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षार्थियों को लाने नहीं दिया जाएगा., परीक्षार्थियों को परीक्षा के बाद ओएमआर की कार्बन कॉपी ही दी जाएगी.


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रीट परीक्षा के लिए जयपुर में 219 सरकारी और निजी परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 73 सरकारी सेंटर बनाए गए हैं. जयपुर में 3 लाख 50 हजार 713 परीक्षार्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं. लेवल प्रथम में 72 हजार 553 और लेवल द्वितीय में 2 लाख 78 हजार 160 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं. परीक्षा की व्यवस्था के लिए  कलेक्टर ने परीक्षा में नियुक्त किये जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 21 से 24 जुलाई तक जिला स्तरीय परीक्षा संचालन समिति की अनुमति के बिना मुख्यलय नहीं छोड़ने एवं किसी भी तरह के अवकाश पर नहीं रहने के निर्देश दिए हैं.


धांधली रोकने के लिए नहीं जारी किए गए एडमिट कार्ड
रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा 23 और 24 जुलाई को चार पारियों में होगी.  माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रीट परीक्षा की एग्जाम सेंटर स्लिप जारी कर दी है, लेकिन अभी प्रवेश पत्र के लिए अभ्यर्थियों को इंतजार करना होगा.इस बार भर्ती परीक्षा में नकल और धांधली रोकने के लिए अब तक एडमिट कार्ड जारी नहीं किए गए हैं.माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस बार परीक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किये है., जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों को लगाकर पहले ही सेंटर तय करने और सेंटर की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गयी है.


नकल के खिलाफ सख्त कानून
परीक्षा की तैयारियों को लेकर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि "रीट की परीक्षा के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और प्रशासन की तैयारी पूरी है.मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य और जिला स्तर पर कमेटियां बनी हुई है.और पूरी चौकसी के साथ परीक्षा पारदर्शिता के साथ होगी. तमाम परीक्षार्थियों से अपील करता हूं.की बिना डरे परीक्षा में शामिल हो. सरकार की ओर से नकल करने और करवाने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है, जिसमें 10 से 12 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये तक के सजा का प्रावधान किया गया है.पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षा का आयोजन होगा."