REET 3rd Grade Teacher:  रीट थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर को लेकर पूरे राजस्थान में चर्चा जारी है. आज सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक पर शिक्षकों के तबदले को लेकर नई पॉलिसी पर चर्चा हुई की नहीं? जानकारों की मानें तो चुनावी साल के मुहाने में सरकार शिक्षकों को नाराज नहीं करना चाहती है. बैन हटने के बाद जुलाई तक शिक्षकों के तबादले होने लगेंगे सूत्रों का ऐसा कहना है.


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हालांकि आपको बता दें कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने अपने बयान में कहा है कि ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर कार्मिक विभाग को भेजी जा चुकी है. पॉलिसी पर कुछ आपत्ति आई थी, उनमें भी संशोधन कर दिया गया है. ऐसे में अब मुख्यमंत्री से स्वीकृति मिलने के बाद जैसे ही तबादलों से बैन हटेगा ग्रेड थर्ड के भी ट्रांसफर कर दिए जाएंगे.


पिछले साल 30 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सीएम और मंत्रियों के साथ हुई फीडबैक बैठक में थर्ड ग्रेड टीचर्स के तबादले करने पर सहमति बनी थी.बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रियों के सुझाव आने के बाद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से तबादले करने को कहा था. गहलोत ने शिक्षा मंत्री से कहा कि जब सर्वसम्मति है,तो ये ट्रांसफर होने चाहिए और पहले की तरह ही हों.


रीट थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर पिछले 12 साल में सिर्फ दो बार हुए हैं. साल 2010 में कांग्रेस सरकार ने जबकि 2018 में बीजेपी सरकार ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर कर चुकी है.वहीं,राजस्थान में पिछले साल अगस्त महीने में शाला दर्पण पर टीचर्स से ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे.


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इसमें प्रदेश के 2.25 लाख टीचर्स में से 85 हजार ने अपने गृह जिले में आने के लिए आवेदन किया था. वहीं, ट्रांसफर पॉलिसी में फिर से बदलाव की तैयारी शुरू कर रहे शिक्षा विभाग के खिलाफ अब ग्रेड थर्ड टीचर्स ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है.


वहीं,रंधावा ने शिक्षक तबादलों के लिए किसी भी तरह की नई पॉलिसी नहीं लाने का सुझाव भी दिया था. 3 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी अब तक ग्रेड थर्ड टीचर्स का ट्रांसफर नहीं हो पाया है


इन मुद्दों पर क्या हुई चर्चा!


ग्रेड थर्ड ट्रांसफर और सभी विभागों में ट्रांसफर के लिए कुछ समय के लिए छूट पर चर्चा हो सकती है.
राज्य भर में फिर से कोविड प्रोटोकॉल लागू करने सहित अन्य उपाय करने को लेकर मंथन होगा.
सेवा नियमों में संशोधन सहित अन्य पेंडिंग प्रकरणों को लेकर विचार हो सकता है.
उद्योगों को कस्टमाइज पैकेज के तहत देय छूट का अनुमोदन हो सकता है.
रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा कि जाएगी.
खेल यूनिवर्सिटी सहित कुछ विश्वविद्यालयों के गठन के लिए बिल रखे जा सकते हैं.
इन बिलों को सदन में रखे जाने के निर्णय का अनुमोदन हो सकता.
जवाबदेही बिल को लेकर भी चर्चा प्रस्तावित है.
कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा प्रस्तावित है.
राजस्थान में फसलों के हाल ही में हुए खराबे के बाद विशेष गिरदावरी हुई, इसे लेकर चर्चा प्रस्तावित है.
अगले कुछ दिनों के लिए विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
सत्र हुआ तो इसमें रखे जाने वाले बिलों को लेकर विचार होगा.


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