राजस्थान के 90 विधायक इस्तीफा लेंगे वापस, चुनावी साल से पहले सुलझेगा गहलोत पायलट विवाद!
Resignation Politics : राजस्थान की सियासत में नए साल में एक नई तस्वीर देखने को मिल सकती है. चार साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी वर्चस्व की जंग में एक बीच का रास्ता निकाला जा सकता है.
Resignation Politics : राजस्थान की सियासत में नए साल में एक नई तस्वीर देखने को मिल सकती है. चार साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी वर्चस्व की जंग में एक बीच का रास्ता निकाला जा सकता है. इसी बीच नए साल की शुरुआत से पहले 25 सितम्बर 2022 को हुए इस्तीफे पॉलिटिक्स के रायते को भी कांग्रेस समेटने में जुट गई है.
दरअसल नए साल के आगाज से पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से इस्तीफे दिए 90 विधायक अपना इस्तीफा वापस लेंगे. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए सुखजिंदर सिंह रंधावा इस पूरे ऑपरेशन में जुट गए हैं. इसी कड़ी में सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शुक्रवार को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात भी की है.
वहीं आलाकमान से मिले इशारे के बाद कुछ विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफे वापस लेने की चिट्ठी भी भेज दी है. रंधावा और जोशी की हुई मुलाकात को गहलोत और पायलट गुट के बीच सुलह की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. 27 दिसंबर को प्रदेश दौरे पर आए रंधावा बैक टू बैक मीटिंग्स कर रहे हैं. बजट सत्र शुरू होने से पहले गहलोत सरकार इस्तीफे के मुद्दे को खत्म करना चाहती है.
भाजपा ने कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे प्रकरण को मुद्दा बनाया हुआ है. यहां तक कि उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर कर रखी है और इस रिट पर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से जवाब भी मांगा है.
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद से जुड़े सवाल पर रंधावा ने कहा कि विवाद सुलझाना उनका काम है और वे फाइव स्टार में नहीं बल्कि लोगों के बीच बैठे हैं और जरूर विवाद सुलझा लेंगे. रंधावा ने कहा कि अभी वह किसी को टिकट नहीं दे रहे हैं लेकिन सर्वे करवा रहे हैं और जिनका नंबर सर्वे में आएगा वहीं टिकट के हकदार होंगे.
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