ABVP-NSUI की हार का टूटेगा तिलिस्म! या फिर से निर्दलीय के सिर की शोभा बढ़ाएगा छात्र संघ चुनाव का ताज
Rajasthan Unviversity Student Union Election: छात्र संघ चुनाव का फैसला मतपेटियों में बंद हो गया है. अब सवाल है कि ABVP-NSUI की हार का तिलिस्म टूटता है या फिर से छात्र संघ चुनाव का ताज निर्दलीय के सिर की शोभा बढ़ाएगा.
Rajasthan Unviversity Student Union Election: राजनीति की पहली सीढ़ी कहे जाने वाले छात्र संघ चुनाव की पिछले करीब एक महीनों से चली आ रही जद्दोजहद आखिरकार मतपेटियों में बंद हो गई है. कोरोना के चलते साल 2020 और साल 2021 में छात्र संघ चुनाव नहीं हो पाए थे. लेकिन 2022 में कोरोना से राहत मिलने के साथ ही छात्र संगठनों की ओर से छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग उठने लगी थी. जिसके बाद 22 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2022 में छात्र संघ चुनाव करवाने की घोषणा की.
कई मजबूत दावेदार हुए चुनावी दौड़ से बाहर
छात्र संघ चुनाव की घोषणा के साथ ही छात्र नेताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. लेकिन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से चुनावी की तिथि 26 अगस्त तय करने को लेकर विरोध भी देखने को मिला. एबीवीपी की ओर से जहां 26 अगस्त को होने वाले चुनाव को लेकर पूरजोर विरोध किया गया. तो वहीं कई अन्य संगठनों ने भी चुनाव तिथि आगे बढ़वाने की मांग की. जिसकी मुख्य वजह थी पीजी सहित लॉ और सेमेस्टर में परीक्षार्थियों का प्रवेश नहीं होना और इसकी वजह से छात्र संगठनों के मजबूत दावेदार चुनावी दौड़ से बाहर हो गए थे. लेकिन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से निर्धारित तिथि पर ही चुनाव करवाने के कड़े फैसले के बाद छात्र नेता अपनी तैयारी में जुट गए.
इस साल दोनों ही छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई की ओर से अपने अपने अध्यक्ष पद प्रत्याशियों की घोषणा चुनाव से करीब एक सप्ताह पहले कर दी थी. तो वहीं अन्य तीन पदों पर थोड़ा समय जरुर लगाया. एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद पर रितु बराला को टिकट दिया तो वहीं एबीवीपी ने नरेन्द्र यादव पर भरोसा जताया. एनएसयूआई में टिकट घोषणा के बाद विरोध के स्वर भी देखने को मिले.
मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी हुई बागी
टिकट घोषणा के साथ ही करीब आधा दर्जन छात्र नेताओं की नाराजगी एनएसयूआई को उठानी पड़ी. एनएसयूआई सभी छात्र नेताओं को मनाने में कामयाब रही. लेकिन वो मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका को मनाने में सफल नहीं हो पाई. जिसके बाद निहारिका ने निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में अध्यक्ष पद पर ताल ठोकी. तो वहीं दूसरी ओर निर्दलीय के रूप में निर्मल चौधरी भी काफी मजबूत दावेदारों में माने गए. इसके साथ ही निर्दलीय के रूप में प्रताप भानू मीणा और रितेश्वर भी चुनावी मैदान में डटे रहे. इसके साथ ही एनएसयूआई ने उपाध्यक्ष के लिए निकिता फामरा, महासचिव के लिए संजय चौधरी और संयुक्त सचिव पद के लिए धरा कुमावत को टिकट दिया तो वहीं एबीवीपी ने उपाध्यक्ष पद पर साक्षी शर्मा, महासचिव पद पर अरविंद जाजड़ा और संयुक्त सचिव पद पर कृष्णा तंवर को टिकट दिया.
इस साल भी है त्रिकोणीय मुकाबला
राजस्थान यूनिवर्सिटी में हर साल मुकाबला त्रिकोणीय ही रहता आया है. लेकिन इस बार चार मजबूत दावेदारों की वजह से चतुष्कोणीय बनता हुआ नजर आ रहा है. पिछले 4 चुनावों की अगर बात की जाए तो चारों ही चुनावों में निर्दलीयों ने बाजी मारी है. ऐसे में इस बार जहां दोनों ही छात्र संगठनों के सामने अपनी साख बचाने का बड़ा दबाव इन छात्र संघ चुनावों में साफ नजर आ रहा था. तो वहीं दूसरी ओर दोनों ही मजबूत निर्दलीय अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त भी नजर आ रहे थे. ऐसे में अब कल सुबह 10 बजे होने वाली मतगणना में देखना होगा की क्या दोनों ही छात्र संगठन अपने हार के तिलिस्म को तोड़ पाएंगे या फिर लगातार पांचवीं बार राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र संघ का ताज निर्दलीय के सर की शोभा बढ़ाएगा.
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