Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत के जाते ही रुक्ष्मणी कुमारी का टूटा धैर्य.दरअसल आज की सभा के दौरान रुक्ष्मणी कुमारी को मंच पर नहीं बिठाया गया.लेकिन जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे तो उन्होंने मंच पर नजर डाली तो रुक्ष्मणी नजर नहीं आई.


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रुक्ष्मणी कुमारी आम जनता के बीच बैठी हुई थी.तभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नजरों से इशारा करते हुए रुक्ष्मणी कुमारी को मंच पर बुलाया और पहली पंक्ति में बिठाया गया.बाद में दोनों के बीच गुफ़्तगू हुई.


इधर सीएम के जाने के बाद रूक्ष्मणि कुमारी का धैर्य भी जवाब दे गया और लगे हाथ भगवान सहाय सैनी आड़े हाथ ले लिया.कहा आप मुझे हर जगह पर जाने से रोकते हैं.आप मुझे कहां-कहां रोकेंगे.


आप पार्टी के थोड़े सीनियर लीडर हैं, मैं आपका सम्मान करती हूं.आपने मंच पर जाने से रोक लिया लेकिन सीएम ने मुझे मंच पर बुला लिया.ऐसे में अब आपकी क्या इज्जत रह गई.यह वीडियो अब जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. तो वहीं, शहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी चर्चा हो रही है. इधर पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी की भी अधिकांश कांग्रेस के पदाधिकारियों और पार्षदों से अदावत चल रही है.


क्योंकि भगवान सहाय सैनी ने अपने पुत्र विष्णु सैनी को नगर पालिका चेयरमैन बना दिया.तब से ही पार्षदों और कांग्रेस के अधिकांश पदाधिकारियों में अनबन है. इधर पीसीसी रुक्ष्मणी कुमारी का खेमा मजबूत हो रहा है. 


आज इस तरह से सीएम ने भरी सभा के बीच इशारा करके मंच पर रुक्ष्मणी कुमारी को बुलाया इसके मायने भी निकाले जा रहे हैं.लोगों के बीच चर्चा इस बात की हो रही है कि इस बार पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी को टिकट नहीं मिलेगी.रुक्ष्मणी कुमारी के बढ़ते कद से कयास लगाया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस रुक्ष्मणी कुमारी पर दांव खेल सकती है.


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