SMS अस्पताल के डॉक्टरों ने बचाई तनिष्क की जिंदगी, डेढ़ साल के बच्चे का फ्री में हुआ ऑपरेशन
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SMS अस्पताल के डॉक्टरों ने बचाई तनिष्क की जिंदगी, डेढ़ साल के बच्चे का फ्री में हुआ ऑपरेशन

राजस्थान के SMS अस्पताल के डॉक्टरों ने एक परिवार को उसका बुझता चिराग वापस किया है. डेढ़ साल का तनिष्क दिल में छेद और डाउस सिंड्रोम बीमारी से जूझ रहा था. जिसका अस्पताल में सफल ऑपरेशन चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत फ्री में किया गया है.

SMS अस्पताल के डॉक्टरों ने बचाई तनिष्क की जिंदगी, डेढ़ साल के बच्चे का फ्री में हुआ ऑपरेशन

Jaipur News : राजस्थान के जयपुर के सवाईमान सिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बच्चे को नया जीवनदान दिया है. बच्चे का नाम तनिष्क है और बच्चा दिल में छेद के साथ दुर्लभ बीमारी, डाउन सिंड्रोम से भी जूझ रहा था. 

एसएमएस अस्पताल में आने से पहले परिजनों ने कई अस्पतालों में बच्चे का इलाज करवाया. लेकिन कोई भी अस्पताल बच्चे के दिल के छेद का ऑपरेशन करने को तैयार नहीं हुआ. डेढ़ साल के तनिष्क का ऑपरेशन राजस्थान सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत किया गया है.

टोंक निवासी डेढ़ साल के तनिष्क के दिल में बचपन से छेद था. इसका इलाज बच्चा जब 4 से 5 महीने का होता है उस समय ही हो सकता है. लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका. कई जगह बच्चे को दिखाने के बाद आखिर में डेढ़ साल के तनिष्क के माता पिता एसएमएस अस्पताल पहुंचे. जहां उसके इलाज की कोशिश शुरू हुई.

इस जटिल ऑपरेशन को सवाईमान सिंह अस्पताल के CTVS सर्जन्स ने अंजाम दिया. CTVS डॉ हेमलता वर्मा ने बताया कि इस बीमारी में दिल के छेद से रक्त हृदय से फेफड़ों की तरफ बहने लगता है. इससे मरीज के फेफड़ों का प्रेशर काफी हाई हो जाता है.

अगर समय पर ऑपरेशन नहीं किया जाए तो अशुद्ध रक्त उल्टी दिशा में बहने लगता है और हालत बिगड़ने पर रक्त शरीर के अंदरूनी अंगों से बाहर निकलना शुरू हो जाता है.

डॉ वर्मा ने बताया कि आमतौर पर नवजात बच्चों में दिल के छेद का ऑपरेशन तुरंत ही कर दिया जाता है, लेकिन इस बच्चे की उम्र थोड़ी ज्यादा थी. ऐसे में इस तरह के ऑपरेशन में काफी रिस्क रहता है. लेकिन परिजनों की सहमति के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

अब बच्चा धीरे-धीरे रिकवर कर रहा है और सोमवार शाम उसे एसएमएस अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. इस ऑपरेशन को डॉ हेमलता वर्मा के नेतृत्व में अंजाम दिया गया. जिसमें डॉ अनुला, डॉ शैफाली,निश्चेतना विभाग से डॉ अंशुल, डॉ सतवीर मौजूद रहे.

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