सरपंच संघ का 5 अगस्त को जयपुर में महापड़ाव, 300 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप
पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा के भ्रष्टाचार वाले बयान से खफा प्रदेशभर के सरपंच आज जिला मुख्यालयों पर विरोध दर्ज करवा रहे है. उन्होंने कहा कि मंत्री ने नागौर में ग्राम पंचायतों पर हुए विकास कार्य नरेगा सहित में 300 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप लगाकर सरपंचों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाई है.
Jaipur: पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा के भ्रष्टाचार वाले बयान से खफा प्रदेशभर के सरपंच आज जिला मुख्यालयों पर विरोध दर्ज करवा रहे है. जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन के बाद सरपंचों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौपा. सरपंच संघ के बैनर तले हो रहे प्रदर्शन में सरपंचों ने सरकार से हुए समझौते को लेकर भी नाराजगी जताई है. 5 अगस्त को प्रदेशभर के सरपंचों ने जयपुर में महापड़ाव डालने की चेतावनी दी है.
पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा के खिलाफ सरपंच संघ ने मोर्चा खोला
पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा के खिलाफ सरपंच संघ ने मोर्चा खोल लिया है. सरपंच संघ के अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि आगामी 5 अगस्त को जयपुर में महापड़ाव डालेंगे. गढ़वाल ने कहा कि मंत्री के इस्तीफा नहीं देने तक आंदोलन जारी रहेगा. इससे पूर्व एक अगस्त को जिला स्तर पर मुख्यालयों के बाहर सरपंच प्रदर्शन करेंगे.
300 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप
उन्होंने कहा कि मंत्री ने नागौर में ग्राम पंचायतों पर हुए विकास कार्य नरेगा सहित में 300 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप लगाकर सरपंचों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाई है. जब तक 300 करोड़ रुपए के कार्यों की जांच नहीं होती तो उन्होंने आरोप किस आधार पर लगाए.
इतना ही नहीं सरपंच ग्राम पंचायतों का 16 माह से बकाया नरेगा का सामग्री भुगतान, मेट कारीगर का भुगतान नहीं होने व मंत्री के साथ 21 मार्च को हुए समझौते की सभी मांगों पर आदेश जारी नहीं होने से भी नाराज हैं.
जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, महापड़ाव जारी रहेगा
नागौर-बाडमेर में दौर के दौरान मंत्री रमेश मीणा ने 300 करोड के भ्रष्टाचार का दावा किया था, जिसके बाद से सरपंच नाराज है और मंत्री के इस्तीफे की मांग है.राष्ट्रीय सरपंच संघ अध्यक्ष जयराम पलसानिया का कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, महापड़ाव जारी रहेगा.
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सरपंचो का कहना है कि जब मध्यप्रदेश के पंचायतीराज मंत्री ने इस्तीफा दे दिया तो राजस्थान के क्यो नहीं दे सकते. हालांकि इस मामले की पूरी जांच विभागीय स्तर पर शुरू हो गए है. ऐसे में अब देखना होगा कि नागौर-बाड़मेर भ्रष्टाचार के ऐपिसोट में आगे क्या होगा.
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