Jaipur News : गुटबाजी के बीच पंचायतों में सरपंचो ने ''तालाबंदी'' की गई है. सरपंचो के पंचायतों में ताले जड़ने के बाद काम भी प्रभावित होना शुरू हो गया है. लेकिन गुटबाजी से क्या महंगाई राहत कैम्प पर पड़ेगा असर? सरकार का 24 अप्रैल से पहले महंगाई राहत कैम्प शुरू हो गया है. वही सरपंच आश्वासन नहीं बल्कि आदेश के लिए अड़े है. दूसरी तरफ पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा कह चुके है कि अधिकतर मांगे केंद्र की. सरपंचो के आंदोलन करने का कोई फायदा नहीं. केंद्र सरकार में पंचायतीराज मंत्री से बात करेंगे. राज्य के पंचायत बजट के लिए कार्रवाई चल रही है.


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ये है प्रमुख मांगे-


- राज्य वित्त आयोग 2022-23 की करीब 3 हजार करोड़ रुपए,केंद्रीय वित्त आयोग के करीब 15 सौ करोड़ रुपए बकाया चल रहे हैं. उन्हें जल्द पंचायतों के खातों में रिलीज किया जाए.
- राज्य के कई हिस्सों में नेटवर्क की समस्या होने की वजह से
मनरेगा में पोर्टल पर ऑनलाइन हाजिरी को बंद किया जाए और ग्राम पंचायतों की भौतिक सत्यापन के बाद भी बकाया सामग्री मद की राशि को शीघ्र जारी किया जाए


-राज्य सरकार द्वारा 10 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे. मगर उन्हें अभी तक इस सुविधा का लाभ नहीं मिला है पात्र लोगों को तुरंत खाद्य सुरक्षा जारी की जाए.
- प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना में पात्र नामांकित परिवारों को 2020-21 के बाद राशि नहीं दी गई है ऐसे पात्र प्रतीक्षा सूची में शामिल परिवारों को आवास की राशि डाली जाए और वंचित रहे परिवारों को जोड़ने के लिए पोर्टल खोला जाए.


पहले आंदोलन में चल चुके लात घूसे


इससे पहले भी जब सरपंचों का आंदोलन हुआ था तो गांव की सरकार में दो फाड दिखाई दिए थे. इतना ही नहीं आंदोलन स्थल पर सरपंचों में आपस में जमकर लात धूसे भी चले थे. इसलिए सरपंचों का आंदोलन कमजोर हुआ था. ऐसे में अबकी बार तो पहले ही से गुटबाजी खुलकर सामने थी. ऐसे में सवाल है कि क्या दो गुटों में बंटे सरपंचों का आंदोलन सफल होगा?


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