Jaipur: राजस्थान में एससी-एसटी (SC-ST) अपराध में इस साल भी इजाफा हो रहा है. अक्टूबर महीने तक यानि कि इस साल के 10 महीनों में प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ हो रहे अत्याचारों में पिछले सालों की तुलना में बढ़ोतरी सामने आई है. हत्या, दुष्कर्म सहित अन्य तरह के अपराधों के शिकार होने वाले एससी और एसटी वर्ग को लोगों की संख्या पिछले तीन साल से लगातार बढ़ रही है.


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राजस्थान (Rajasthan Crime) में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष की ओर से समय-समय पर सरकार को घेरने के प्रयास हुए है. कुछ समय पहले महिला अपराध को लेकर के विपक्ष ने बढ़ते आंकड़े पेश किए तो सरकार की ओर से उन आंकड़ों को गलत ठहराकर महिला अपराध 9 प्रतिशत कम होने की बात कही गई लेकिन पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों से ही एससी और एसटी वर्ग के साथ हो रहे अत्याचारों की बात करे तो आंकड़े बढ़ते हुए नजर आते है यानि कि अपराध में बढ़ोतरी हो रही है. अनुसूचित जाति अत्याचारों को लेकर साल 2019 और 2020 के आंकड़ों की इस साल यानि कि 2021 के अक्टूबर महीने तक के आंकड़ों से तूलना देखते है.



एससी वर्ग के आंकड़ों ने साफ कर दिया. साल 2019 से इस साल अक्टूबर तक 9 प्रतिशत अपराध में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, 2020 से 2021 में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह से एसटी वर्ग के अपराध की तुलना करें तो भी साल 2021 में पिछले 2 साल से अपराधों से बढ़ोतरी हुई है.



आंकड़े साफ करते है कि एसटी वर्ग के अपराधों में भी दोनों सालों में करीब 17 और 11 प्रतिशत अपराध में बढ़ोतरी हुई है. महिला अपराध की तरह ही राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) को एससी-एसटी अपराध को कम करने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे, जिससे राजस्थान में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए भयमुक्त माहौल का निर्माण किया जा सकें.