Sambhal Jama Masjid News: शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने अपनी याचिका में संभल सीनियर डिवीजन दीवानी न्यायाधीश के 19 नवंबर, 2024 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मस्जिद का सर्वे करने के लिए ‘एडवोकेट कमिश्नर’ की नियुक्ति की इजाजत दी गई थी.
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Sambhal Jama Masjid News: सुप्रीम कोर्ट ने संभल में मौजूद जामा मस्जिद की कमेटी की याचिका पर आज यानी 10 दिसंबर को एक नोटिस जारी किया है और मस्जिद के मेन गेट के पास मौजूद एक निजी कुएं के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने अदालत की इजाजत के बिना कुएं के संबंध में कोई कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया और प्राधिकारियों को दो सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट देने को कहा.
शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने अपनी याचिका में संभल सीनियर डिवीजन दीवानी न्यायाधीश के 19 नवंबर, 2024 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मस्जिद का सर्वे करने के लिए ‘एडवोकेट कमिश्नर’ की नियुक्ति की इजाजत दी गई थी. दलील दी गई कि सर्वे की वजह से हिंसा और जान-माल की हानि हुई, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को तत्काल हस्तक्षेप करना पड़ा.
जामा मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले सानियर अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कुएं के ऐतिहासिक महत्व पर जोर देते हुए कहा, "अनादि काल से इस कुएं से पानी निकाला जाता रहा है." अहमदी ने एक नोटिस पर चिंता जताई, जिसमें इस स्थल को "हरि मंदिर" बताया गया है और वहां धार्मिक गतिविधियां शुरू करने की योजना बनाई गई है.
चीफ जस्टिस ने क्या कहा?
चीफ जस्टिस ने कहा, "ऐसी किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी. कृपया स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें." पीठ ने कहा कि कुएं के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जानी चाहिए और इससे संबंधित कोई भी नोटिस प्रभावी नहीं होगा. वहीं, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कुआं मस्जिद के दायरे से बाहर है और ऐतिहासिक रूप से इसका इस्तेमाल पूजा के लिए किया जाता रहा है.
मस्जिद कमेटी के वकली ने दी ये दलील
अहमदी ने कहा कि कुआं आंशिक रूप से मस्जिद परिसर के अंदर और आंशिक रूप से बाहर है. उन्होंने अपने दावे के समर्थन में गूगल मैप की एक तस्वीर का हवाला दिया. याचिका में कहा गया है, "संभल के जिला मजिस्ट्रेट को उचित निर्देश दिया जाए कि वह यह सुनिश्चित करें कि मस्जिद की सीढ़ियों और प्रवेश द्वार के पास स्थित निजी कुएं के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाए और माननीय न्यायालय की इजाजत के बिना इस संबंध में कोई कार्रवाई न की जाए."
मस्जिद कमेटी ने क्या कहा?
मस्जिद कमेटी ने कहा कि उसने एक मामले में चंदौसी में दीवानी न्यायाधीश, सीनियर डिवीजन, संभल के 19 नवंबर, 2024 के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है. स्थानीय अदालत ने शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति से जुड़ी याचिका स्वीकार कर ली थी. मस्जिद समिति ने कहा कि याचिका को उसी दिन सुनवाई के बिना स्वीकार कर लिया गया जिस दिन इसे दायर किया गया था.