Jaipur: प्रदेश में कोरोना (Covid) की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही अब शिक्षण व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है. 1 सितम्बर से जहां कक्षा 9वीं से 12वीं तक की स्कूलों (Schools) को शुरू किया गया तो वहीं आज से कक्षा 6 से 8वीं तक के स्कूलों के खुलने की शुरूआत हो चुकी है. हालांकि पहले दिन बच्चों की संख्या बहुत कम रही, लेकिन जो भी बच्चे स्कूल पहुंचे उनके चेहरों पर स्कूल आने की खुशी साफ नजर आ रही थी. तो वहीं, दूसरे सरकारी स्कूलों (Government Schools) में अव्यवस्थाओं का भी आलम देखने को मिला है. स्कूल पहुंची बच्चियां खुद ही अपने कक्षा-कक्षों और टेबल कुर्सियों की साफ सफाई करती हुई नजर आई.


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इसके साथ ही 27 सितम्बर से कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूलों को खोला जाना है. पहले दिन बच्चों की संख्या कम रही तो वहीं सरकार और शिक्षा विभाग (Education Department) की सख्त गाइड लाइन (Guidelines) के बाद भी अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिला. सी-स्कीम स्थित सरकारी बालिका विद्यालय में छठी कक्षा की बालिकाएं खुद की टेबल-कुर्सी साफ करती हुई नजर आई. तो वहीं, स्कूल का समय 7.30 बजे होने के बाद भी शिक्षक 7.45 बजे तक आराम से स्कूल पहुंचते हुए नजर आए. 


कोरोना गाइड लाइन (Covid Guidelines) के तहत स्कूलों के गेट पर जहां हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था थी तो वहीं तापमान मापने के बाद ही बच्चों को स्कूल के अंदर प्रवेश दिया गया. इसके साथ ही जो बच्चे स्कूल आए हैं उनसे पहले ही स्कूलों द्वारा सहमति पत्र (agreement letter) लिया जा चुका है. 50 फीसदी उपस्थिति के साथ स्कूलों को खोला गया है. स्कूल स्टाफ (school staff) का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम जरुर हुआ है, लेकिन अभी लापरवाही नहीं बरतनी है. सरकार और विभाग ने जो गाइड लाइन जारी की है उसी के अनुसार बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से की जाएगी.


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हालांकि स्टाफ द्वारा लेट आने और बच्चों द्वारा टेबल कुर्सी की सफाई और गंदगी के सवाल पर शिक्षकों (Teachers) ने चुप्पी साध ली. शिक्षकों का कहना था कि स्कूल का समय 7.30 बजे का है और सभी स्टाफ 7.30 बजे पहुंच चुका है. इसके साथ ही सभी कमरों की सफाई करके सेनेटाइज भी करवा दिया गया है.


बहरहाल, जहां स्कूलों के खुलने की खुशी बच्चों के चेहरों पर नजर आ रही थी. तो वहीं, दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में अव्यवस्थाओं की कहानी मौजूदा स्थितियां भी बयां कर रही थी. लेकिन इन सब के बीच राहत की बात ये है कि एक बार फिर से स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था पटरी पर लौट आई है.