Shardiya Navratri:  कल से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी . शारदीय नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, कल से 23 अक्टूबर तक नवरात्र पर्व मनाया जाएगा. ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने बताया नवरात्र के 9 दिन 9 देवी-विग्रह की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है, उसके बाद ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, उष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री इस प्रकार नवरात्रि में नव दुर्गा की पूजा की जाती है. दुर्गा पूजा में दुर्गा सरस्वती का पाठ किया जाता है.


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हनुमान जी की पूजा करने की विधी
ये भी बताया की जो हनुमान जी की पूजा करते हैं वह रामचरित्र मानस का भी पाठ कर सकते हैं. पूजा विधान भावों के ऊपर निर्भर करता है, भावों में भगवान बसते हैं, भावों में ही शक्ति होती है, नवरात्रि के पहले दिन स्नान कर गणेश जी की स्थापना की जाती है. घट स्थापना का सबसे अच्छा मुहूर्त प्रात काल का है 6:30 से लेकर 8:45 तक फिर 11:50 से 12:36 तक है. 


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घट स्थापना करने का समय
इस दिन लाभ का भी चौघड़िया है. इसलिए 3 बजे तक घट स्थापना हो जानी चाहिए. नवरात्र में आसुरी शक्तियों पर देवीय शक्तियों की विजय को प्रमाणित करता है, कि हमारे अंदर जो नकारात्मक शक्तियां हैं, आसुरी शक्तियां हैं. जिन्हें हम राक्षसी प्रवृत्ति कहते हैं, उनका नाश करके उनके ऊपर दिव्य शक्ति सकारात्मक सोच की स्थापना करें. इन 9 दिन में ऐसी शक्ति और ऊर्जा प्राप्त करें, जिससे हम अपना परिवार का समाज का राष्ट्र का कल्याण कर सकें इसीलिए 9 दिन तक आराधना करने से जीवन सार्थक बनता है.


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