Rajasthan News: SI भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक प्रकरण में SOG की रिमांड पर चल रहे पांच ट्रेनी SI और आरपीएससी के दो पूर्व सदस्य रामूराम राईका व बाबूलाल कटारा की रिमांड अवधि पूरी होने पर आज सभी को कोर्ट में पेश किया गया. इनके साथ ही तीन अन्य सहयोगियों को भी कोर्ट में पेश किया गया, जिन्होंने संगठित गिरोह से संपर्क करने और डील करने में अपनी अलग-अलग भूमिका निभाई. 


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पूछताछ में बड़े खुलासे होने की गुंजाइश
SOG ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद बाबूलाल कटारा की 5 दिन की और रामूराम राईका सहित 9 अन्य आरोपियों की तीन दिन की रिमांड कोर्ट से मांगी, जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने बाबूलाल कटारा को 3 दिन और रामूराम राईका सहित 9 अन्य आरोपियों को दो दिन की रिमांड अवधि पर SOG को सौंप दिया. अब SOG राईका और कटारा दोनों को आमने-सामने बैठा कुछ अन्य पहलुओं को लेकर पूछताछ करेगी. इसके साथ ही राईका की बेटी शोभा और बेटे देवेश सहित सभी पांच ट्रेनी SI से भी पूछताछ की जाएगी. वहीं, गिरफ्तार किए गए तीन सहयोगी अर्जुन कुमार, अनिल सांखला और रितु शर्मा से भी पूछताछ में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है. 



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Jaipur News: निजी भूमि पर सडक़ निर्माण पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब


Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने सांगानेर तहसील स्थित निजी कृषि भूमि पर सीसी रोड निर्माण करने पर मुख्य सचिव और कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश सरोज देवी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने संबंधित अधिकारियों से पूछा है कि सरकारी धन का उपयोग कर निजी भूमि पर सडक निर्माण कैसे किया गया है.



जानें क्या है पूरा मामला ?
याचिका में अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की सांगानेर तहसील के ग्राम गवार ब्राह्मणान में कृषि भूमि है. पंचायत समिति ने अन्य स्थानीय अधिकारियों से मिलकर उसकी इस जमीन पर अवैध रूप से सीसी रोड का निर्माण कर लिया. ग्राम विकास अधिकारी की जांच में भी सामने आया कि याचिकाकर्ता की निजी कृषि भूमि पर अवैध तरीके से सडक़ का निर्माण हुआ है और उसके रोड निर्माण के लिए आवंटित सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है. इसके अलावा जांच रिपोर्ट में जिम्मेदारों से इस राशि की रिकवरी की बात भी कही गई. याचिका में कहा गया कि ग्राम पंचायत निजी भूमि पर रोड निर्माण कैसे कर सकती है. इसलिए अवैध रूप से हुए सडक़ निर्माण की स्वतंत्र जांच कराई जाए. वहीं, याचिकार्ता की भूमि पर बनी इस रोड को हटाया जाए और याचिकाकर्ता को हुई मानसिक पीड़ा के लिए उसे उचित क्षतिपूर्ति दिलाई जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. 



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