Rajasthan: स्पीकर के अयोग्यता नोटिस विवाद मामला, राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार मांगा जबाव
राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट गुट के एमएलए को लेकर स्पीकर के अयोग्यता नोटिस विवाद मामले में केन्द्र सरकार के तीन साल में भी जवाब पेश नहीं करने पर आश्चर्य जताया है.
Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट गुट के एमएलए को लेकर स्पीकर के अयोग्यता नोटिस विवाद मामले में केन्द्र सरकार के तीन साल में भी जवाब पेश नहीं करने पर आश्चर्य जताया है. वहीं केन्द्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी को कहा है कि वे तीन सप्ताह में मामले में जवाब पेश करें.
इसके साथ ही मामले की अंतिम सुनवाई 24 अगस्त को तय की है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश पीआर मीणा व अन्य की याचिका में मोहनलाल नामा के प्रार्थना पत्र पर दिया. प्रार्थना पत्र में मामले की सुनवाई जल्दी करने की गुहार की गई है. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि प्रकरण संवैधानिक प्रावधानों से जुड़ा हुआ है, इसलिए केन्द्र का जवाब आना जरूरी है.
सुनवाई के दौरान मोहनलाल नामा के अधिवक्ता विमल चौधरी व योगेश टेलर ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव की अधिसूचना अक्टूबर 2023 में लागू हो जाएगी और मौजूदा याचिकाकर्ता एमएलए दिसंबर 2023 में पूर्व हो जाएंगे. ऐसे में मामले की जनहित में जल्द सुनवाई की जाए. जिस पर अदालत ने सभी पक्षकारों से पूछा कि क्या उन्होंने जवाब पेश कर दिया है.
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इस पर राज्य सरकार व स्पीकर सहित अन्य की ओर से जवाब पेश करने की जानकारी दी गई. वहीं केन्द्र सरकार की ओर से जवाब देने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने एएसजी को तीन सप्ताह का समय दिया है.
गौरतलब है कि पीआर मीणा सहित अन्य एमएलए ने याचिका में विधानसभा स्पीकर के 14 जुलाई 2020 को उन्हें दिए गए अयोग्यता के नोटिस को चुनौती दी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने 24 जुलाई 2020 के अंतरिम आदेश से स्पीकर के नोटिस की क्रियांविति पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट के इस आदेश को विधानसभा स्पीकर सहित अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के जरिए चुनौती दे रखी है.