जयपुर में हुआ एक खास तरह की बिजली केबल का इनोवेशन, 950 डिग्री तापमान में सप्लाई रहेगी चालू
इवेस्ट राजस्थान 2022 के आयोजन से पहले प्रदेश के हिस्से उद्यमिता से जुड़ी एक बड़ी उपलब्धि आई है. जो ना केवल राजस्थान का मान कारोबारी जगत में बढ़ाएगी साथ ही आपके जीवन को बचाने का काम करेगी. मरूधरा की माटी के लाल के इस कारनामे ने देश दूनिया की नामी कंपनियों में हलचल पैदा कर दी है.
Jaipur: इवेस्ट राजस्थान 2022 के आयोजन से पहले प्रदेश के हिस्से उद्यमिता से जुड़ी एक बड़ी उपलब्धि आई है. जो ना केवल राजस्थान का मान कारोबारी जगत में बढ़ाएगी साथ ही आपके जीवन को बचाने का काम करेगी. मरूधरा की माटी के लाल के इस कारनामे ने देश दूनिया की नामी कंपनियों में हलचल पैदा कर दी है. इस इनोवेटिव प्रोडक्ट के लिए भारतीय मानक ब्यूरो ने इसे देश का पहला आईएस: 17505 भाग प्रथम लाइसेंस प्रदान किया है. इसे भारतीय मानक ब्यूरो के जयपुर कार्यालय की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. केंद्र सरकार के उपक्रम से मिले प्रोत्साहन के पीछे की कहानी आने वाले दिनों में इंफ्रा, एयरपोर्ट, डिपो, रियल एस्टेट सेक्टर, हॉस्पिटालिटी, रेलवे, अस्पताल सहित विभिन्न सेक्टर में जीवनरक्षा और रेस्क्यू से जुड़े नए मानक स्थापित करेगी.
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प्रतिदिन आगजनी के हादसे और इससे होने वाली मौतें आर्थिक और भावनात्मक रूप से लोगों को हानि पहुंचाते नजर आती है. पिछले चार दशकों से उद्यमिता में सक्रिय जयपुर के तिरूपति प्लास्टोमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के संचालकों और उनके परिवारजनों को भी ऐसे ही हादसों ने भावनाओं के ज्वार में बांधा. कोविड काल में अस्पतालों में आगजनी के हुए हादसों ने इन्हें ऐसे उत्पाद को बनाने की प्रेरणा दी, जो आगजनी के समय ना केवल आग को फैलने से रोके साथ ही रेस्क्यू में मददगार साबित हो.
कंपनी के ऑनर राधेश्याम जैमिनी और रवि जैमिनी का कहना है कि एक साल की रिसर्च और अथक मेहनत फायर सरवाइवल केबल के रूप में सामने आई जो देश में सघन आबादी क्षेत्रों, उंची इमारतों, एयरपोर्ट, सैन्य आयुध डिपो, अस्पतालों, बड़े होटल्स, रेलवे सहित आगजनी की संभावना रखने वाली जगहों पर मील का पत्थर साबित होगी.
मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, अस्पतालों, एनआईसीयू, फैक्ट्रियों, मल्टीस्टोरी, आयुध डिपो, गहन आबादी क्षेत्रों में आगजनी की घटनाओं का बड़ा कारण बिजली केबल में फाल्ट और इससे आग का फैलना है. शकुन पॉलिमर्स प्राइवेट लिमिटेड के ऑनर राकेश बंसल का कहना है राजस्थान के उद्यमी ने ऐसी केबल तैयार की है, जो इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट से लगी आग के फैलाव को रोकने में मदद करेगी, साथ ही भीषण आग लगने पर विद्युत सप्लाई भी बंद नहीं होगी, इससे आगजनी होने पर रेस्क्यू के लिए पूरा समय मिलेगा. तिरूपति प्लास्टोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक मेघा जैमिनी का कहना है कि इस इनावेशन से सैंकड़ों जिंदगियों को विभीषका से बचाया जा सकेंगा.
केंद्र सरकार के भारतीय मानक ब्यूरो का पहला लाइसेंस इस जीवन रक्षक उत्पाद को लाने वाली जयपुर की कंपनी को मिला है. मेघा जैमिनी का कहना है कि यह प्रोडक्ट पैसे कमाने के लिए नहीं लाया गया है, प्राथमिकता आगजनी के बढ़ते हादसों से होने वाली विभिषिका और जानमाल के नुकसान को रोकना है
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देखिए क्या कहते है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के फॉयर एक्सीडेंट के आंकड़े
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट्स पर निगाह डाले तो फॉयर एक्सीडेंट की अधिकतर घटनाओं का कारण इलैक्ट्रोनिक्स शॉर्ट सर्किट रहा, इससे अकेले वर्ष 2020 में 9,110 लोगों की देशभर में मौते हुई, इनमें राजस्थान में मौतों का आकड़ा 351 था. चिंता की बात यह है कि इसमें से 5248 मौते केवल आवासीय परिसर में हुई. इसमें 289 मौते राजस्थान के विभिन्न जिलों के आवासीय क्षेत्रों में हुई एनसीआरबी के आकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में 11,035 मौते आगजनी की घटनाओं से हुई. रिपोर्ट के मुताबिक कॉमर्शियल बिल्डिंग्स में आगजनी से 163 मौतें, आवासीय क्षेत्रों में 5,248 मौतें, फैक्ट्रियों में 107 मौतें आग की घटनाओं और समय पर रेस्क्यू नहीं होने से हुई. इसमें महिलाओं की संख्या 4,954 रही.
देशभर में आगजनी से मौत के आंकड़े
वर्ष 2019 में आगजनी से 11,035 लोगों की मौत
वर्ष 2020 में आगजनी से 9,110 लोगों की मौत
वर्ष 2021 (संभावित आंकड़े) में आगजनी से 11,250 लोगों की मौत
वर्ष 2022 (मई तक संभावित आंकड़े) में आगजनी से 3,900 लोगों की मौत
सेक्टर विशेषज्ञ ब्रहम्म स्वरूप नागपाल का कहना है कि इसे फायर सर्वाइवल केबल नाम दिया गया है. केबल में आग लगने पर धुंआ भी नहीं होता, साथ ही 950 डिग्री तापमान पर भी बिजली कट नहीं होती. इससे लिफ्ट बंद होने की आशंका भी नहीं रहती. तकनीकी सलाहकार वीरेंद्र कुमार टिक्कू का कहना है कि सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद इसे केंद्र सरकार की उत्पादों के मानक तय करने वाली संस्था भारतीय मानक ब्यूरो के देश के पहले लाइसेंसधारी होने का गौरव भी हासिल हुआ है. अब इंफ्रास्ट्रक्चर, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स और विद्युत आपूर्ति पर निगरानी रखने वाले नियामकों की जिम्मेदारी है कि भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से प्रमाणित उत्पादों के उपयोग को प्राथमिकता देने के निर्देश जारी करें, ताकि आगजनी से होने वाले हादसों और विभीषिकाओं के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन कर आम नागरिकों की कीमती जान को बचाया जा सकें.