Jaipur: छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान में 10 स्मार्ट उप पंजीयक कार्यालय खोलने की तैयारी की जा रही हैं. मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग जल्द ही अपने पंजीयन सॉफ्टवेयर में बदलाव करने के साथ राज्य में मॉडल पासपोर्ट ऑफिस की तर्ज पर जल्द ही 10 मॉडल उप पंजीयक कार्यालय खोलेगा.


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मुख्यमंत्री गहलोत की बजट घोषणा को धरातल पर लाने के लिए काम शुरू हो गया हैं. मॉडल उप पंजीयक कार्यालय खुलने से कामकाज पूरी तरह बदला हुआ नजर आएगा. इन कार्यालयों में डेढ से दो घंटे की जगह 30 मिनट में दस्तावेज की रजिस्ट्री होगी. साथ में हेल्प डेस्क की सुविधा भी मिलेगी. रजिस्ट्री कराने से पहले विभाग की ओर से टोकन दिया जाएगा. हेल्प डेस्क के जरिए बिना डीडराइटर और वकील के भी डीड डॉक्यूमेंट तैयार करवाए जा सकेंगे. डॉक्यूमेंट पहले ही वेरीफाई हो जाएगा, इससे वेरिफिकेशन में लगने वाला टाइम घटेगा.


शनिवार और रविवार को भी पंजीयन कार्यालय खोलने की संभावना


शनिवार और रविवार को भी पंजीयन कार्यालय खोलने की संभावना है.सरकारी कार्मिकों को रोटेशन में लगाया जाएगा.इससे सुविधा अनुसार रजिस्ट्री किसी भी दिन कराई जा सकेगी. साथ में रजिस्टर्ड दस्तावेज हाथों-हाथ मिलने की भी उम्मीद है. कई पंजीयन सॉफ्टवेयर में भी बदलाव के साथ सर्वर की क्षमता बढ़ाई जाएगी. अलग-अलग विभागों से डाटा लेकर लीगल प्रावधानों के तहत सिस्टम के गैप और खामियों को बंद किया जाएगा.


यदि कोई गलत या कम स्टाम्प ड्यूटी दे रहा है तो ऑटोमेटिक पता चल जाएगा. रिकॉर्ड फीडिंग बेहतर होगी. रजिस्ट्री होगी या नहीं, यह स्पष्ट बता दिया जाएगा. दरअसल मॉडल उप पंजीयक कार्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र में चल रही व्यवस्था का अध्ययन करवाया था. यह व्यवस्था इन राज्यों में लागू है. प्रथम चरण में जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर, सीकर, कोटा, बाड़मेर व भिवाड़ी में मॉडल उप पंजीयक कार्यालय खोले जाएंगे.


डेस्क और डीड लिखने की सुविधा मिलेगी


मॉडल उप पंजीयक कार्यालयों की बिल्डिंग नई होगी. हेल्प करने के लिए डेस्क और डीड लिखने की सुविधा मिलेगी. 40 रजिस्ट्री पर एक हेल्प डेस्क काउंटर होगा. भीड़ बढ़ने पर हेल्प डेस्क काउंटर बढ़ाया जाएगा. कंप्यूटर, ऑपरेटर, स्केनर, कैमरा सब निजी कंपनी का होगा.


मॉडल पंजीयन पंजीयन कार्यालयों में एजेंसी के जरिए निजी कर्मचारियों को लगाने को एक तरह से पंजीयन एंव मुद्रांक विभाग के निजीकरण के तौर पर देखा जा रहा है. डीड राइटरों और वकीलों पर भी इसका असर पड़ेगा. राज्य में पंजीयन विभाग के 113 कार्यालय एवं अजमेर में मुख्यालय है. इनमें करीब 1500 कर्मचारी अधिकारी कार्यरत हैं. मॉडल पंजीयन कार्यालय में एक सरकारी बाबू और एक अधिकारी से ही जमीनों की रजिस्ट्री व अन्य काम हो जाएंगे.


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