Jaipur: उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल से भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस दो साल बाद भी बेपटरी है. थार एक्सप्रेस के दोबारा संचालन शुरू होने की मांग की जा रही है, जिससे दोनों देशों में आवाजाही करने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ गई है. स्थिति यह है कि पाकिस्तान से आने वाले लोगों को यहां आने के लिए करीबन डेढ़ हजार किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है. थार एक्सप्रेस (Thar Express) अंतरराष्ट्रीय रेल सेवा है.


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आपको बता दें वर्ष 1965 के बाद फरवरी 2006 में इसे फिर शुरू किया गया था और यह पाक के कराची को जोधपुर से जोड़ती है. यह पाकिस्तान के अंतिम रेल स्टेशन खोखरापार और भारत के मुनाबाव के बीच सीमा पार कर संचालित होती है. 10 अगस्त 2019 को इसके संचालन पर रेलवे ने अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी गई, जो अभी तक हटी नहीं है. इसको लेकर रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन के संचालन को लेकर लगातार मांग उठ रही है, लेकिन इसका फैसला केंद्र सरकार तय करेगी, रेलवे के हाथ में नहीं है. यह कब शुरू होगी, इसका जवाब पता नहीं है.


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जोधपुर के भगत की कोठी से मुनाबाव के बीच 324 किलोमीटर की दूरी थार एक्सप्रेस 6 घंटे में पूरी करती थी. इसमें रोजाना करीबन 400 से 450 यात्रियों की आवाजाही होती थी. खास बात है कि यात्री यहां से महज 210 रूपए में ही पाकिस्तान पहुंच जाते थे. लोगों को कहना है कि प्रदेश में करीबन 50 हजार से ज्यादा लोग कानूनी प्रक्रिया पूरी कर पाक से आकर रह रहे हैं. इनमें ज्यादातर के परिवार वहीं रह रहे हैं. ट्रेन बंद होने पर अटक गए हैं. अब कुछ लोग अटारी होते हुए आ भी रहे हैं तो उन्हें 1500 किमी. चक्कर काटना पड़ रहा है. इससे लंबी दूरी तय करने में परेशानी हो रही है. यहां भी बोर्डर खुल जाए तो यह दिक्कत खत्म हो जाएगी.


पाकिस्तान (Pakistan) से आए भागचंद भील ने बताया कि उनकी मां, भाई, बहन पूरा परिवार ट्रेन बंद होने से वहीं अटक गया है. वीजा भी रद्द हो गए, परेशानी हो रही है. पाक विस्थापित सुरेश मेघवाल ने बताया कि कोरोना में पिता की मौत हो गई. वह लोग जा नहीं पाए. ऐसे कई परिवार है जो तैयार है, जमीन भी बेच चुके है यहां पर आए कैसे? यह समझ से परे है, कोरोना के कारण भी दिक्कत हो रही है.