Somya Gurjar: राज्य सरकार की ओर से ग्रेटर नगर निगम के मेयर पद से हटाने और छह साल के लिए सौम्या गुर्जर को चुनाव लडने से अयोग्य करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की संभावना को देखते हुए हाई कोर्ट में केवियट पेश की गई है. ऐसे में यदि सौम्या गुर्जर हाईकोर्ट में याचिका दायर करती है तो अदालत किसी भी तरह का अंतरिम आदेश देने से पहले राज्य सरकार का भी पक्ष सुनेगी.


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राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता की ओर से दायर केविएट में कहा है कि इस मामले में हाईकोर्ट कोई भी अंतरिम आदेश देने से पहले राज्य सरकार का पक्ष भी सुना जाए. गौरतलब है कि राज्य के स्वायत्त शासन विभाग ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर वार्ड संख्या 85 की सदस्य व ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर को न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता को खत्म कर उन्हें मेयर पद से हटा दिया है.


वहीं उन्हें छह साल के लिए चुनाव लडने के लिए अयोग्य भी ठहराया गया है. राज्य सरकार की इस कार्रवाई को सौम्या के हाईकोर्ट में चुनौती देने की संभावना के चलते राज्य सरकार ने केविएट दायर की है. दरअसल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या को दो दिन की राहत देते हुए राज्य सरकार को छूट दी थी कि वह इस अवधि के बाद सौम्या के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.


बता दें कि ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव से अभद्रता से जुडे मामले में राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के निर्देश देते हुए उन्हें पूर्व में निलंबित किया था. इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक जांच पूरी होने तक रोक लगा दी थी. वहीं न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने गत दिनों राज्य सरकार को दो दिन बाद कार्रवाई की छूट दी थी.


Reporter- Mahesh Pareek


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