Jaipur News : दीपावली पर सभी अपने घर व्यापारिक प्रतिष्ठान पर लक्ष्मी के आगमन के लिए लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते हैं. दीपावली पर्व पर कारीगर मिट्टी के गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियां बना रहे हैं. बाजार में सोने चांदी अष्टधातु की मूर्ति के साथ साथ मिट्टी और प्लास्टिक ऑफ पेरिस की मूर्तियों का भी चलन बढ़ा है.


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राजधानी जयपुर के सिटी पैलेस स्थित जलेब चौक में लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी की मूर्तियां बनाने का काम जोरों पर चल रहा है. यहां कई परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी कलात्मक मूर्तियां बनाने का काम कर रहे हैं, जो इनकी रोजी रोटी का मुख्य साधन है. 


मूर्ति निर्माण करने वाले कारीगरों ने बताया इस बार कोरोना संक्रमण का असर मूर्ति निर्माण पर भी पड़ने की आशंका थी. लेकिन संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आने के चलते बाजारों में रौनक दिखाई देने लगी है. जिसके चलते मूर्ति बनाने वालों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है. 


इस बार कच्चे माल की कीमत बढ़ने के चलते मूर्तियों के दाम भी बढ़ाना मजबूरी हो गई है. 10 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है. एक मूर्ति को बनाने में लगभग 2 से 3 दिन का समय लगता है. प्लास्टर ऑफ पेरिस और मिट्टी की मूर्ति होने के चलते टूट-फूट की आशंका ज्यादा होती है, जिससे नुकसान भी कहीं अधिक होता है.


मूर्तिकार ने बताया इस बार दीपावली पर चाइनीज आइटम के विरोध के चलते स्थानीय कारीगरों को बड़ा रोजगार मिला है. इसी के चलते पीओपी और मिट्टी लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियों की मांग बढ़ गई है. दीपावली पर लक्ष्मी गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है, जिसके चलते सभी जन लक्ष्मी गणेश की पूजा करते है. 


इस बार मूर्तियों के दाम और ज्यादा बढ़ गए हैं. इसके बावजूद अच्छे कारोबार की उम्मीद है क्योंकि भारत में दीपावली पर भगवान लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने के बाद घरों को दीपक से सजाया जाता है. लोकल फॉर वोकल अभियान ने जिस तेजी से गति पकड़ी है उसी के चलते गरीब के घर में भी खुशियों भरी दीपावली मनेगी.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल अभियान को भी गति मिल रही है. दीपों के पर्व  भारत का हर आदमी अगर लोकल वोकल की ओर कदम बढ़ाए तो वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व शक्ति के रूप में एक बार फिर खुद को स्थापित कर सके.


रिपोर्टर- अनूप शर्मा 


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