Rajasthan : राजस्थान के भीलवाड़ा के पास हरणी गांव में 70 साल से होलिका दहन नहीं हुआ. पूछने पर गांव के लोग बताते हैं कि 70 साल पहले ये फैसला लिया गया था जिसे आज तक निभाया जा रहा है.


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दरअसल होलिका दहन के दिन एक चिंगारी के चलते पूरा गांव जल गया था. जिसके बाद से ये फैसला लिया गया कि अब होलिका दहन नहीं होगा. गांव के लोगों ने होलिका दहन की जगह एक नहीं परंपरा की शुरूआत की.


पहले सभी ने मिलकर चंदा इकट्ठा किया और फिर चांदी की होलिका और सोने के प्रह्रलाद बनाये गये. होलिका दहन के दिन इनकी ही पूजा 70 सालों से की जा रही है.


हरणी गावं में 500 साल पुराने श्री हरणी श्याम मंदिर से पहले इनकी शोभायात्रा निकाली जाती है और फिर होलिका दहन के स्थान पर लाकर सर्व समाज के लोग इनकी पूजा करते हैं. 


इस दौरान गांव के सभी लोग ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचते हैं और होलिका दहन की इन अनूठी परंपरा को निभाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है ये परंपरा हमारे पुरखों की है जिसे हम निभाते रहेंगे वहीं इससे पर्यावरण का संरक्षण भी हो रहा है.  


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