Rajasthan News: गुजरात के बाद अब राजस्थान में भी चांदीपुरा वायरस का प्रकोप देखा गया है. उदयपुर के आदिवासी इलाके में इस वायरस के लक्षण दो बच्चों में पाए गए थे, जिनमें से एक बच्चे की इलाज के दौरान गुजरात के हिम्मतनगर सिविल अस्पताल में मृत्यु हो गई. वहीं, एक चार साल का बच्चा भी इस वायरस से संक्रमित है, लेकिन उसकी स्थिति अब स्थिर है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस सीधे मस्तिष्क पर हमला करता है, जिससे पहले फ्लू के लक्षण दिखते हैं और फिर बच्चा कोमा में चला जाता है.


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चांदीपुरा वायरस को लेकर मेडिकल विभाग अलर्ट
इन दो मामलों के सामने आने के बाद, मेडिकल विभाग की टीम ने प्रभावित गांवों में जाकर अन्य बच्चों के सैंपल लिए हैं. साथ ही, प्रभावित परिवारों के सदस्यों के सैंपल भी पुणे स्थित लैब में भेजे जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि चांदीपुरा वायरस सबसे पहले 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में फैला था, जिससे इसका नाम पड़ा. यह वायरस बारिश के मौसम में मच्छरों और मक्खियों के माध्यम से फैलता है. इन नए मामलों के बाद, मेडिकल विभाग ने गुजरात से सटे सीमावर्ती इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है.


मौतों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि 
गौरतलब है कि 27 जून को उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र नया खंड के पास बलीचा गांव में एक मासूम बच्चे की मौत हुई थी. उस समय इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया था. फिर, जब गुजरात में कुछ बच्चों की मौत हुई और उनमें चांदीपुरा वायरस के लक्षण पाए गए, तब इस मामले को गंभीरता से देखा गया. इसके बाद, उदयपुर में एक और बच्चे की मौत हुई और उसमें भी चांदीपुरा वायरस के लक्षण पाए गए. चांदीपुरा वायरस से हो रही मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि ने आदिवासी क्षेत्रों में चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है.



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