Jaipur: ऊर्जा मंत्रालय की ओर से उज्ज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य ऊर्जा 2047 महोत्सव को लेकर वीडियो कांफ्रेस का आयोजन कियी गया. इस दौरान केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने सभी राज्यों से तैयारियों की जानकारी ली. राजस्थान से ऊर्जा मंत्री भवंर सिंह भाटी, प्रमुख ऊर्जा सचिव भास्कर ए सावंत, जयपुर डिस्कॉम एमडी अजीत सक्सेना वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से जुड़े. केन्द्र के निर्देशों की पालना में 25 से 30 जुलाई तक मनाया ऊर्जा महोत्सव मनाया जाएगा. 


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महोत्सव में सभी जिलों में ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की उपलब्धियों, योजनाओं आदि के बैनर, पोस्टर, आडियो-विजुअल प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाये जा रहें आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 25 जुलाई से आरम्भ हो रहें सप्ताह को ‘उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य-विद्युत@2047‘ के रुप में समारोह पूर्वक मनाया जायेगा. जुलाई माह के अन्तिम सप्ताह के दौरान 25 से 30 जुलाई तक सम्पूर्ण भारत के 773 जिलों में ‘‘बिजली महोत्सव और उजाला दिवस‘‘ समारोह मनाया जायेगा. 



आज केंद्रीय विद्युत मंत्री एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह ने, सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों से समारोह की तैयारियों एवं वर्तमान विद्युत परिदृश्य पर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की, जिसमें ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी शामिल हुए. केंद्रीय विद्युत मंत्री ने कहा कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की विभिन्न राज्यों की उपलब्धियां और समस्याएं परस्पर साझा की जा रही है तथा राज्यों के दूरस्थ ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों में भी निर्बाध बिजली उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इनसे लाभार्थियों के उदाहरण प्रेरणा स्वरूप लघु फिल्मों, प्रदर्शनी एवं वार्ता आदि के माध्यम से इस उत्सव में प्रदर्शित किये जायेंगे. सप्ताह के अंत में 30 जुलाई को प्रधानमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद करेंगे और लाभार्थियों से चर्चा करेंगे.


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ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने वीडियो कान्फ्रेंस के दौरान राजस्थान के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों की चुनौतियों को तार्किक रूप से रखते हुए ऊर्जा क्षेत्र में वर्तमान में प्रदेश के सम्मुख आ रही समस्याओं तथा राज्य सरकार द्वारा विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति को निर्बाध रूप से बनाये जाने पर चर्चा की. ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री महोदय के निर्देशन में प्रदेश द्वारा सौर ऊर्जा की उपलब्धियों को प्रेरणा बताकर गोडावण पक्षी से आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु निवेदन किया. साथ ही वंचित ढाणियों को विद्युतीकृत करने के लिए कुसुम कम्पोनेन्ट ‘ए‘ जैसी योजनाओं की पुनरावृत्ति या आरडीएसएस में शामिल करने का प्रस्ताव रखा.


मंत्री भंवर सिंह भाटी ने राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों को कोयला आपूर्ति के लिए, छत्तीसगढ़ में स्थित राज्य की कोयला खदान ब्लॉक परसा ईस्ट कांते बेसन (पीईकेबी) प्रथम चरण में कोयला माइनिंग समाप्त होने पर 4340 मेगावाट क्षमता की सम्बन्धित विद्युत उत्पादन इकाइयों को कोयला आपूर्ति सुनिष्चित करने हेतु केन्द्र के समक्ष पुरजोर पक्ष रखा. जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया. 


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