Jaipur: जयपुर के दो कारोबारी (Business Group) समूहों पर इनकम टैक्स (Income Tax) की कार्रवाई खत्म हो गई. छापेमारी में 300 करोड़ की अघोषित आय (undisclosed income) का खुलासा हुआ है. एक कारोबारी ने 55 करोड़ रुपए की अघोषित आय को स्वीकारा है. इन पर टैक्स और जुर्माना (Fine) लगाकर राशि वसूली जाएगी. इनकम टैक्स की कई टीम ने राजस्थान सहित तीन प्रदेशों में अलग-अलग ठिकानों पर कारोबारी समूहों के 50 ठिकानों पर कार्रवाई की थी. कारोबारी समूहों से जब्त दस्तावेजों से आगे की जांच में कई राज खुल सकते हैं. 


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आयकर विभाग का कहना है कि दस्तावेजों के वास्तविक आंकलन के बाद कारोबारी समूहों पर आईटी रेड के बाद आंकड़ा 300 करोड़ से भी पार जा सकता है. जब्त नकदी और ज्वैलरी की आयकर विभाग के अधिकारियों ने 17 करोड़ रुपए का कैश ज्वैलरी (Jewelery)  मिलने का खुलासा किया है. रेड के दौरान आयकर विभाग को कारोबारियों की बेनामी संपत्ति, शेयर बाजार (Share market) में निवेश और फर्जी फर्मों (fake firms) के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. 


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गौरतलब है कि आयकर विभाग ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो कारोबारी समूहों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. विभाग की इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (Investigation Branch) की 50 से ज्यादा टीमों ने बुधवार से राजस्थान, मुंबई (Mumbai) और उत्तराखंड (Uttrakhand) में कारोबारियों के 50 ठिकानों पर छापे और सर्वे की कार्रवाई की थी. एक सप्ताह तक चली छापेमारी राजस्थान के आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा की बड़ी कार्रवाई रही. 


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एक कारोबारी समूह वीटो इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड, होटल (Hotel) और रियल एस्टेट (real estate) के कारोबार से जुड़ा है जिसके जयपुर में 25, मुंबई में 8 और हरिद्वार (haridwar) में एक ठिकानों पर आयकर विभाग ने कार्रवाई शुरू की थी. जयपुर में इस समूह के दो होटल, आदर्श नगर और नेहरू बाजार (Nehru bazar Jaipur) में व्यापारिक प्रतिष्ठान, मालवीय संस्थानिक क्षेत्र में एक निर्माणाधीन परिसर शामिल है. 


दूसरा समूह मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) का काम करता है जिसके जयपुर में 17 स्थानों पर आयकर विभाग की टीमें कार्रवाई कर रही हैं. आयकर विभाग की प्रारंभिक जांच में दोनों समूहों के ठिकानों से बड़ी संख्या में लेन देन के दस्तावेज मिले हैं. आयकर विभाग की टीमों ने शुरुआती जांच में बड़ी संख्या में डिजिटल दस्तावेज (digital document) जब्त किए गए हैं. बेनामी संपत्ति के कागजात के साथ बोगस लोन और एंट्री देने के भी सबूत विभाग के कब्जे में हैं. 


कैश में कारोबारियों को लोन देकर मोटी कमाई के दस्तावेज भी आयकर विभाग के हाथ में लगे हैं. जांच में इलेक्ट्रॉनिक और होटल कारोबारी के दुबई से भी कनेक्शन सामने आए थे. विभाग की जांच में सामने आया है कि दोनों समूहों का दुबई (Dubai) से काफी पैसे का हवाला (hawala) के जरिये लेन देन हुआ है. आयकर विभाग अब जब्त दस्तावेजों के आधार पर जांच आगे बढ़ा रहा है.