जयपुर: राजस्थान यूनिवर्सिटी में सिंडीकेट बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में सिंडिकेट सदस्य किशनपोल विधायक अमीन कागजी, जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा सहित सिंडीकेट सदस्य मौजूद रहे. इतिहास में आज पहली बार पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर कुलपति सचिवालय में सिंडीकेट सदस्यों के अलावा किसी  के प्रवेश पर रोक लगा दिया. हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन और सभी छात्र संगठनों ने विरोध किया.


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इस दौरान कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें सिंडीकेट सदस्यों को अपनी तकलीफों से अवगत करवाना है, लेकिन पुलिस जोर जबरदस्ती करते हुए किसी को भी कुलपति सचिवालय में जाने से रोक रही है, इसको लेकर यूनिवर्सिटी में काफी देर तक हंगामा होता रहा. हंगामा बढ़ता देख यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी शिष्टमंडल के 2,2 सदस्यों को कुलपति सचिवालय में आने की अनुमति दी.


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विधायक को छात्रों के गुस्से का सामना करना पड़ा


सिंडिकेट सदस्य गोपाल मीणा जब बैठक में भाग लेने के लिए आए तो युवा छात्र नेता उन्हें उनकी गाड़ी का घेराव करने की कोशिश करी. लेकिन पुलिस ने बलपूर्वक छात्रों को हटाते हुए गोपाल मीणा की गाड़ी को कुलपति सचिवालय तक पहुंचाया. इसके बाद किशनपोल विधायक अमीन कागजी जब बैठक में शरीक होने के लिए आए तो उन्हें भी विद्यार्थियों के गुस्से का सामना करना पड़ा.


विश्वविद्यालय प्रशासन पर तानाशाही का आरोप


सभी ने एक स्वर में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर तानाशाही के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब सिंडीकेट सदस्यों को अपनी पीड़ा बताने के लिए भी पुलिस नहीं जाने दे रही है. इस दौरान किशनपोल विधायक अमीन कागजी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में छात्र पढ़ाई करने के लिए आते हैं यह शिक्षा का मंदिर है जहां पर किसी भी तरह की राजनीति स्वीकार नहीं की जाएगी अगर किसी को अपनी बात रखनी है तो वह शांति से अपनी बात सिंडीकेट सदस्यों को बता सकता है.


Reporter- Anoop Sharma