Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) मान्यता के अनुसार विवाहित महिलाओं के जीवन में सबसे पवित्र अवसरों में से एक माना जाता है. इसे देशभर में विवाहित महिलाएं मनाती हैं, जिसका उद्देश्य उनके पति की लंबी और समृद्ध जीवन के लिए होता है. पूर्णिमांत कैलेंडर में वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) ज्येष्ठ अमावस्या के दौरान मनाया जाता है, जो शनि जयंती के साथ समेलित होती है. अमांत कैलेंडर में वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat), जिसे वट पूर्णिमा व्रत भी कहा जाता है, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दौरान मनाया जाता है, ड्रिक पंचांग के अनुसार.


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वट सावित्री व्रत 2023 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Vat Savitri Vrat 2023 Date And Shubh Muhurat)


ड्रिक पंचांग के अनुसार, वट सावित्री अमावस्या 19 मई, 2023 को मनाया जाएगा. अमावस्या तिथि 19 मई को सुबह 02:12 बजे शुरू होगी और 20 मई, 2023 को सुबह 01:52 बजे खत्म होगी.


वट सावित्री व्रत 2023 का महत्व (Vat Savitri Vrat 2023 Significance)


पौराणिक कथा के अनुसार, महान सावित्री ने भगवान यमराज, मृत्यु के देवता, को धोखा देकर अपने पति सत्यवान की जान वापस लाने के लिए मजबूर किया. इसलिए, विवाहित महिलाएं अपने पति के सुख समृद्धि और लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) मनाती हैं.


वट सावित्री व्रत की पूजा विधि (Vat Savitri Vrat 2023 Puja Vidhi)


वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के विशेष अवसर पर, विवाहित महिलाएं सुबह जल्दी उठती हैं, नहाती हैं और साफ कपड़े पहनती हैं. इस अवसर पर एक विवाहित महिला परंपरागत वस्त्र और आभूषण पहनती है जो सुहाग को सूचित करता है. तैयार होने के बाद, सात्विक भोजन, सफेद धागा, जल से भरी कलश, हल्दी, कुमकुम और पानी की तैयारी करें. बरगद के पेड़ की यात्रा करें और उसके सामने एक दिया जलाएं. पूजा पूरी करने के बाद, अपने पति की लंबी आयु और सुख के लिए प्रार्थना करें. पेड़ के आस-पास सात बार प्रदक्षिणा करें और उस सफेद धागे को उसके चारों ओर बांधें.


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