राजस्थान में गहलोत सरकार 1.35 करोड़ लोगों को देगी स्मार्टफोन, जानिए कैसे मिलेगा आपको फोन
राजस्थान की 1.35 करोड़ महिलाओं को गहलोत सरकार 12 हजार करोड़ के स्मार्ट फोन बांटकर सियायत चमकाएगी. इस फोन में लोगों को 3 साल तक इंटरनेट के अलावा वाइस कॉल और एसएमएस की सुविधा होगी.
Jaipur: विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही बजट घोषणाओं को पूरा कर मतदाताओं का चौखट तक पहुंचने की सरकार ने तैयारी कर ली हैं. गहलोत सरकार ने प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही बजट में प्रस्तावित मुफ्त स्मार्टफोन देने के वादे को पूरा करने की दिशा में कदम उठा दिया है.
पिछले कुछ राज्यों के चुनावों में महिलाओं के मतदान के बढ़ते प्रतिशत और उनके मतदान से चुनाव परिणामों में निर्णायक बदलाव को देखते हुए मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में चल रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब प्रदेश की 1.35 करोड़ महिलाओं को सशक्त बनाकर मौका चूकना नहीं चाहती है.
राजस्थान की 1.35 करोड़ महिलाओं को गहलोत सरकार 12 हजार करोड़ के स्मार्ट फोन बांटकर सियायत चमकाएगी. मोबाइल के जरिए राज्य सरकार योजनाओं को प्रचार करेगी, यहां तक कि मोबाइल कनेक्शन देकर सरकार चुनावों से करोड़ों परिवारों तक अपनी पकड़ बनाएगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार अपने चुनावी साल में लोगों को स्मार्ट फोन का तोहफा देगी. बजट भाषण में की गई घोषणा के तहत प्रदेश में 1.35 करोड़ परिवारों को ये स्मार्ट फोन दिए जाएंगे. इन फोन में लोगों को 3 साल तक इंटरनेट के अलावा वाइस कॉल और एसएमएस की सुविधा होगी.
सरकार की एजेंसी राजकॉम्प ने इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है. रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) मांगे गए है, जिसके बाद कल इसकी टैक्नीकल बिड खोली जाएगी. टैक्नीकल बिड के बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी और संभावना है कि नवंबर-दिसंबर या अगले साल की शुरुआत से मोबाइल फोन का वितरण शुरू हो जाएंगे. ये मोबाइल उन परिवारों को दिए जाएंगे, जिनके जनआधार कार्ड बने हुए है. वर्तमान में पूरे प्रदेश में करीब 1.35 करोड़ लोगों के जनआधार बने है. इसमें जनआधार कार्ड में जो मुखिया है, उसे ये फोन दिया जाएगा. मोबाइल फोन का वितरण जिला और ब्लॉक लेवल पर किया जाएगा, जिन्हें मोबाइल दिए जाएंगे उनको पहले ई-केवाईसी करवाना होगा.
जानें मोबाइल में क्या- क्या फीचर होंगे
फोन में 2 सिम लगाने के लिए स्लॉट होंगे
फोन की स्टोरेज क्षमता को 256 जीबी तक बढ़ाने के लिए इसमें मेमोरी कार्ड स्लॉट भी होगा.
फोन की 4000 एमएएच की पॉवर वाली बैटरी इस मोबाइल में होगी.
इस फोन के साथ आपको चार्जर, यूएसबी डेटा ट्रांसफर केबिल और मोबाइल फोन का प्लास्टिक का बैक कवर भी मिलेगा.
5.8 इंच स्क्रीन वाले इस फोन 2 जीबी की रैम और 32 जीबी की इनबिल्ट मेमोरी होगी.
1440 बाइ 720 स्क्रीन रिज्यूलेशन वाले इस फोन ओक्टा कोर 1.6 ऑक्टा कोर 1.6 गीगाहर्ट्ज का प्रोसेसर होगा.
मोबाइल मल्टी मीडिया टच स्क्रीन होगा, जिसमें फ्रंट और रेयर कैमरा होगा. कैमरा की क्वालिटी 8 और 5 मेगापिक्सल की होगी.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अफसरों के मुताबिक, इस सेलफोन के साथ सरकार महिला मुखिया को अगले तीन साल तक डेटा, कॉलिंग और मैसेज की सुविधा भी देगी. इसके लिए बकायदा एक सिम कार्ड भी मिलेगा. इस सिम में आपको अगले 3 साल तक फ्री कॉलिंग की सुविधा के साथ हर महीने 20 जीबी का डेटा और हर महीने 50 एसएमएस की सुविधा मिलेगी.
इस योजना से राज्य सरकार के बजट पर एकदम से भार न पड़े, इसके लिए सरकार ने कई शर्तें भी लगाई हैं, जो भी कंपनी स्मार्टफोन सप्लाई करेगी. उसे डिलीवरी के समय हैंडसेट की कीमत का केवल 30 फीसदी पैसा ही मिलेगा. डिलीवरी के एक साल बाद 35 फीसदी और फिर दो साल बाद बचा हुआ 35 फीसदी पैसा दिया जाएगा. इसके अलावा स्मार्टफोन सप्लायर्स को ब्लॉक लेवल पर सर्विस सेंटर बनाने होंगे. कस्टमर केयर की डेडिकेटेड व्यवस्था भी करनी होगी. वर्क ऑर्डर मिलने के बाद एक साल के भीतर पूरे हैंडसेट देने होंगे. एक बैच में कम से कम पांच लाख मोबाइल की सप्लाई करने की शर्त भी रखी गई है.
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दरअसल 23 फरवरी 2022 को बजट में घोषणा की गई थी कि राजस्थान की 1.33 करोड़ महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन दिए जाएंगे. सबसे पहले तो सबसे बड़ी बात ये जान लीजिए कि अब 1.33 करोड़ नहीं जन आधार कार्ड धारक सभी 1.35 करोड़ महिलाओं को ये फोन दिए जाएंगे. इसके लिए सरकार की ओर से 12 हजार करोड़ का बजट तय किया गया है, जिसमें स्मार्टफोन, सिम, 3 साल का इंटरनेट डेटा, वारंटी आदि शामिल हैं. एक्सपट्र्स का कहना है फोन 5500 से 6 हजार रुपये कीमत का हो सकता है.
बहरहाल, चिरंजीवी परिवारों की मुखिया महिलाओं को मोबाइल देने की घोषणा अब राज्य सरकार का बजट बिगाड़ दिया हैं. सरकार की योजना 2500 करोड रुपये सालाना खर्च करने की थी, लेकिन खर्चा बढ़ते-बढ़ते 12 हजार करोड़ रुपये हो गया है. सरकार पहले सिर्फ इंटरनेट पैक का पैसा देना चाहती थी. करार के बाद हैंडसेट कंपनी से दिलवाए जाने थे, लेकिन बात नहीं बनी तो अब हैंडसेट के लिए भी पैसे सरकार को ही देने होंगे. अब सरकार दिवाली से पहले मोबाइल देना शुरू कर देगी और 1 साल में ये मोबाइल बांटे जाएंगे यानी चुनावी साल में भी मोबाइल बंटेंगे.
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