Vidur Niti: चाणक्य से ज्यादा असरदार है विदुर नीति, इनकी प्रशंसा से खुल सकती है किस्मत, खुद अजमाएं
Mahatma Vidur Niti: महात्मा विदुर का ज्ञान और अनुभव आज के समय में उतना ही प्रासंगिक है. जितना उस वक्त धृतराष्ट्र के लिए हुआ करता था. महात्मा विदुर ने अपनी नीति में चारों लोगों की प्रशंसा करनी की चर्चा की है. विदुर के मुताबिक, प्रशंसा करने से लोगों के चेहरे पर खुशी होती है.
Mahatma Vidur Niti: सनातन धर्म में महाभारत को पांचवें वेद की संज्ञा दी गई है. महाभारत काल में महात्मा विदुर ने धृतराष्ट्र को न्याय संगत बातें बताई. महात्मा विदुर कूटनीतिज्ञ और एक कुशल राजनीतिज्ञ थे. सामाजिक कार्यों और मानव जीवन की उन्नति के लिए उन्होंने लोगों को धैर्य और संयम से रहने की सलाह दी है.
महात्मा विदुर का ज्ञान और अनुभव आज के समय में उतना ही प्रासंगिक है. जितना उस वक्त धृतराष्ट्र के लिए हुआ करता था. महात्मा विदुर ने अपनी नीति में चारों लोगों की प्रशंसा करनी की चर्चा की है. विदुर के मुताबिक, प्रशंसा करने से लोगों के चेहरे पर खुशी होती है. साथ ही उनके जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
ये हैं प्रशंसा के पात्र
महिला की प्रशंसा जरूरी
हिंदी धर्म में महिला का स्थान पूजनीय है. महिला को देवी के रूप में माना गया है. महात्मा विदुर कहते हैं कि वह स्त्री सदैव प्रशंसा की पात्र है जिसके ऊपर उसकी जवानी के दिनों में कोई कलंक न लगा हो. विदुर कहते हैं कि जवानी में जो महिला किसी आरोपों से मुक्त रहती हैं उसकी खुलकर प्रशंसा करनी चाहिए. ऐसी महिला का जीवन बेदाग और चरित्रवाण होता है.
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योद्धा, बॉस या टीम लीडर की तारीफ हमेशा करें
महात्मा विदुर कहते हैं कि किसी भी युद्ध को जीतने के लिए एक योद्धा की आवश्यकता होती है. इसलिए हमें युद्ध जीतने या ऑफिस में जो टीम को लीड करता है जिसे आज की भाषा में बॉस कहा जाता है, उनकी प्रशंसा भी करनी चाहिए. युद्ध में योद्धा और ऑफिस में टीम लीडर या बॉस को अगर आप खुश करते हैं तो उसका भी लाभ मिलता है. बशर्ते की बॉस निष्पक्ष और निर्विकार होकर सभी का मूल्याकांन करें.
अन्न का अनादर कभी ना करें
विदुर नीति में अन्न को महत्व देने और उसकी प्रशंसा करने की चर्चा भी विस्तार से की गई है. विदुर कहते हैं कि ऐसा अन्न या भोजन जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो उसका जिक्र हमें अपने परिवार में और दोस्तों के बीच करनी चाहिए. विदुर नीति में कहा गया है कि जो भोजन या अन्न आसानी से पच जाए और हमें किसी प्रकार का कोई रोग न हो ऐसे अन्न अथवा भोजन की सदैव प्रशंसा करनी चाहिए.
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ज्ञानी की प्रशंसा हमेशा करें
महात्मा विदुर जी कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेने के बाद सम्मान के योग्य हो जाता है. एक साधारण तपस्वी भी ज्ञान प्राप्त करने के बाद सम्मान के योग्य हो जाता है. ज्ञानी व्यक्तियों की तारीफ अक्सर करती रहनी चाहिए. उससे उस व्यक्ति या आदमी का मनोबल हमेशा ऊंचा रहता है. साथ ही वह पॉजिटिविटि का विस्तार करता है. अतः हमें हमेशा ज्ञानी व्यक्ति की प्रशंसा करनी चाहिए.
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