राजस्थान में पेयजल में दोहरे मापदंड, शहर के पानी के बिलों में सीवरेज-वाटर शुल्क में छूट, गांवों में 300 रुपये तक वसूलने की तैयारी
Rajasthan News: राजस्थान में एक तरफ शहरों में पेयजल पर सीवरेज और वाटर शुल्क माफ है, वहीं दूसरी तरफ गांवों में पेयजल के लिए बिल लेने की तैयारी जलदाय विभाग कर रहा है.
Jaipur News: राजस्थान के गांव और शहरों के लिए जलदाय विभाग के दोहरे मापदंड दिखाई दे रहे है. एक तरफ शहरों में पानी के बिलों में छूट दी जा रही है,वहीं दूसरी तरफ गांवों में शुल्क लगाने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है.
पानी में दोहरे मापदंड |
शहर और गांवों के लिए अलग-अलग मापदंड! |
राजस्थान में एक तरफ शहरों में पेयजल पर सीवरेज और वाटर शुल्क माफ है, वहीं दूसरी तरफ गांवों में पेयजल के लिए बिल लेने की तैयारी जलदाय विभाग कर रहा है.
प्रदेश में शहरों में राजनीर योजना में 15 हजार लीटर पानी उपभोग पर जल शुल्क माफ है,लेकिन अब गांवों में जल जीवन मिशन में हुए कनेक्शनों पर ग्रामीण उपभोक्ताओं को 300 रुपए का बिल चुकाना होगा.
हालांकि जल जीवन मिशन में निर्माण कार्यों के दौरान सभी वर्क ऑर्डर की 10 प्रतिशत जन सहभागिता की राशि सरकार द्वारा वहन करने की सहमति दे दी थी. लेकिन JJM में जल शुल्क वसूलने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है.
जबकि ग्रामीण और पंचायतें शहरों की तरह FREE (फ्री)पानी देने की मांग कर रही है, हालांकि इस पर सरकार स्तर पर अंतिम निर्णय होगा. जल जीवन मिशन के प्रबंध निदेशक कमर उल जमान चौधरी है. JJM (जल जीवन मिशन) में बिल के प्रस्ताव पर जेजेएम की टीम काम कर रही है. अभी इस संबंध में एक दो मीटिंग और होगी.
राजस्थान में कुल ग्रामीण घर | 1.07 करोड़ ग्रामीण घर |
पानी के नल कनेक्शन | 58.75 लाख घरों में |
गांवों में सिस्टम का ओएंडएम संभालने के लिए ग्रामीण पेयजल सप्लाई कमेटी तैयार नहीं है. JJM की ऑपरेशन पॉलिसी भी तैयार नहीं हो पाई है. ऐसे में इन 58.74 लाख घरों में फिलहाल फ्री पानी की सप्लाई की जा रही है. कई जगह पाइपलाइन डाल दी, लेकिन पानी ही नहीं आ रहा है.
जेजेएम में दूदू, शाहपुरा, गंगानगर, हनुमानगढ़, डीडवाना-कुचामन, भीलवाड़ा आगे है. जबकि बाडमेर, डीग, डूंगरपुर, चित्तौडगढ़, प्रतापगढ़ पीछे है.
दोहरे मापदंड के अंतर के अंतर दूर होगा?
15,000 लीटर तक PHED पानी के बिलों में वाटर चार्ज 55 रु,सीवरेज चार्ज 8.15 रु छूट दे रहा है. शहरों में 15000 लीटर पर पानी उपयोग करने पर करीब 49.50 रुपए का बिल आता है.
वहीं अब तक गांवों में जल जीवन मिशन के लिए कोई बिल नहीं लगा. ऐसे में अब सवाल ये है कि जलदाय विभाग दोहरे मापदंड के अंतर को दूर करेगी या नहीं?