Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष एक अशुभ योग माना जाता है. इस योग का निर्माण जब किसी भी मनुष्य के कुंडली में होता है, तो उस मनुष्य को मुश्किलों और कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.


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कैसे होता है निर्माण ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति के जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच अन्य ग्रह के आ जाने से कालसर्प दोष का निर्माण होता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु को काल माना गया है, जिससे मृत्यु को दर्शाया जाता है और सर्प को केतु का  देवता माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु को सांप का मुख भाग और केतु को सांप की पूंछ भाग माना जाता है. 


सभी अच्छे प्रभावों को नष्ट कर देते हैं
जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प का दोष होता है, उन व्यक्तियों की कुंडली से राहु और केतु सभी अच्छे प्रभावों को नष्ट कर देते हैं, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के आधार पर जिन व्यक्तियों पर कालसर्प दोष होता है उन्को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पर सकता है. 


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नौकरी और बिजनेस में भी काफी नुकसान होता है
इसके साथ ही संतान से जुड़े कष्टों को भी उठाना उठाना पड़ सकता हैं. और वहीं इस दोष की वजह से नौकरी और बिजनेस में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और रात को सोते समय स्वप्न में सर्प नजर आ सकता है.


दोष से मुक्ति पाने के उपाय 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसके साथ ही शनिवार के दिन बहते पानी में कोयले के टुकड़े प्रवाहित करने से भी इसका दोष कम किया जा सकता है और भोलेनाथ की आराधना कर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करके भी कालसर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है.