Arun Yogiraj Ram Lalla Murti: आज पूरा देश ही नहीं पूरा विश्व सिर्फ रामभक्ति में डूबे नजर आ रहे हैं. क्योंकि आज अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजमान होने वाले रामलला की छवि पहली बार करोड़ो रामभक्तों ने देखी.


रामलला की छवि पहली बार करोड़ो रामभक्तों ने देखी


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रामलला की जो प्रतिमा राम मंदिर में स्थापित हुई है पूरी दुनिया अरुण योगी राज (Arun Yogiraj) कला को देखी. राम मंदिर में भगवान राम के बालरूप रामलला को टीवी स्क्रीन पर देश-दुनिया में करोड़ों श्रद्धालुओं ने घर बैठे देखा है.


अरुण योगी राज द्वारा बनाए बालरूप रामलला को करोड़ों लोगों ने देखा


अरुण योगी राज (Arun Yogiraj) की चर्चा हर ज़ुबान पर है और हो भी क्यों ना. देशवासियों के रोम रोम में बसने वाले रामलला की ऐसी मूर्ति अरुण योगी राज ने तराशी है. आज प्राण प्रतिष्ठा में रामलला की मूर्ति देख प्रधानमंत्री मोदी भी भावुक हुए. 


अरुण योगी राज की चर्चा हर ज़ुबान पर


अयोध्या के राम मन्दिर में उनकी ही बनाई हुई बाल राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई. आज जितना गर्व खुद की कला पर अरुण  योगी राज को है उतनी ही खुशी देश के करोड़ों रामभक्त के अलावा उकी मां को भी हैं. अरुण योगीराज की मां सरस्वती ने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं, काश उसके पिता जीवित होते तो वे भी बहुत खुश होते. पूरी दुनिया मेरे बेटे की कला को आज देखी है.


अरुण योगीराज की मां ने कहा- आज मैं बहुत खुश हूं


मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या में विराजमान रामलला की मूर्ति अरुण योगीराज द्वारा निर्माण किया गया है. अरुण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर चंपत राय भी सराहना कर चुके हैं.


51 इंच की रामलला की मूर्ति अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजमान 



बता दें कि अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं. मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं. अरुण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं.



पिता से योगीराज योगीराज ने सीखी कारीगरी


मूर्तिकार अरुण योगीराज को यह कला विरासत में मिली है, लेकिन वह हमेशा से मुर्तिकार नहीं बनना चाहते थे, उन्होंने MBA भी किया, लेकिन इस कला से दूर नहीं रह पाए और आज कई ऐतिहासिक मूर्तियों को तराशने का काम उन्होंने किया.


MBA छोड़ मूर्तियों को तराशने का काम किया 


योगीराज के भाई सूर्यप्रकाश ने कहा कि आज परिवार के लिए एक यादगार दिन है. उन्होंने कहा, 'योगीराज ने इतिहास रचा है और वह इसके हकदार थे. यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण है जो उन्हें इतनी ऊंचाइयों तक ले गया. सूर्यप्रकाश ने कहा कि योगीराज ने मूर्तिकला की बारीकियां अपने पिता से सीखीं. वह बचपन से इसे लेकर उत्सुक थे.


अरुण योगीराज द्वारा बनाई कई मूर्तियों को पीएम मोदी ने किया अनावरण


बता दें मूर्तिकार अरुण योगीराज के ऐसे कई मूर्तियां है जिसको प्रधानमंत्री मोदी ने अनावरण किया है. उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम में जगद्गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा ,दिल्ली के इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा, मैसूर में भगवान हनुमान की 21 फीट की मूर्ति भी अरुण योगीराज ने ही गढ़ा था. अब उनकी बनाई रामलला की प्रतिमा राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित हुई है.


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बता दें जब अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट ने उनकी बनाई गई 'रामलला' की मूर्ति को राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना तो उनकी मूर्तिकार का परिवार खुशी से झूम गया. योगीराज की पत्नी विजेयता ने कहा कि वह इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं.