Next DGP : राजस्थान में पुलिस बेडे के मुखिया के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से यूपीएससी को 12 नामों का पैनल भेज दिया गया है. जिस पर अब 19 अक्टूबर को यूपीएससी में बैठक होगी. सीएस उषा शर्मा और डीजीपी एमएल लाठर उस बैठक में शामिल होंगे. यूपीएससी और डीओपीटी के अधिकारी भी सरकार की ओर से भेजे गए नामों पर चर्चा करेंगे. उसके बाद यूपीएससी की ओर से तीन नामों का पैनल राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा. जिस पर सीएम गहलोत मुहर लगाएंगे.


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पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर की सेवानिवृत्ति नजदीक आने के साथ ही उनके उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है. नए डीजीपी के लिए राज्य सरकार की ओर से भारतीय पुलिस सेवा के 12 वरिष्ठतम पात्र अधिकारियों के नाम संघ लोक सेवा आयोग को भेजे गए हैं. यूपीएससी को पिछले दिनों भेजे गए नामों में 30 साल की सेवा पूरी करने वाले आइपीएस अधिकारियों को शामिल किया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य सरकार की ओर से पात्र वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भेजने होते हैं, जिनमें से 3 नाम का पैनल यूपीएससी राज्य सरकार को लौटाएगी. इनमें से राज्य सरकार किसी एक अधिकारी को पुलिस महानिदेशक बनाएगी.


इन अधिकारियों का नाम पैनल में


नाम बैच
उत्कल रंजन साहू-     1988 बैच
भूपेंद्र कुमार दक-    1989 बैच
उमेश मिश्रा-   1989 बैच
नीना सिंह-      1989 बैच
राजीव कुमार शर्मा-  1990 बैच
जंगा श्रीनिवास-    1990 बैच
रवि प्रकाश मेहरडा-    1990 बैच
डीसी जैन-     1991 बैच
ए पोन्नूचामी-    1991 बैच
सौरभ श्रीवास्तव-  1991 बैच
राजेश निर्वाण-   1992 बैच
हेमंत प्रियदर्शी-  1992 बैच

वरिष्ठता में यूआर साहू सबसे ऊपर
यूपीएससी को कार्मिक विभाग की ओर से भेजी गई सूची में यूआर साहू सीनियोरिटी में सबसे टॉप पर हैं. हालांकि इनसे पहले आईपीएस पीके सिंह और बीएल सोनी का नाम है लेकिन रिटायरमेंट में छह महीने से कम का समय होने के चलते ये बाहर हो सकते हैं. पीके सिंह का रिटायरमेंट दिसंबर में हैं वहीं बीएल सोनी जनवरी 2023 में सेवानिवृत होंगे. वरिष्ठता में साहू के बाद 1989 बैच के भूपेंद्र दक और उमेश मिश्रा का नाम शामिल हैं. इसके बाद इसी बैच की नीना सिंह हैं जो अभी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं.


जातीय समीकरण का रखा जाएगा ध्यान
प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी साल होने के कारण डीजीपी की नियुक्ति के लिए सीएम गहलोत जातीय समीकरणों का ध्यान रखेंगे. चुनावी साल में जातीय उन्मादों से बचना सरकार के लिए पहली प्राथमिकता है. सीएम गहलोत गांधीवादी नेता के रूप में जाने जाते हैं. ऐसे में सीएम गहलोत सभी चीजों को ध्यान में रखकर ऐसे व्यक्ति पर मुहर लगा सकते हैं जो सरकार की मंशा के अनुरूप काम कर सके. इससे पहले सीएस उषा शर्मा के नाम से ब्राह्मणों को सादा गया. वहीं डीजीपी एमएल लाठर को बनाकर जाटों का ध्यान रखा गया.


दक, मिश्रा मजबूत


राजस्थान के नए डीजीपी की दौड़ में सबसे आगे डीजी जेल भूपेंद्र कुमार दक और इंटेलिजेंस डीजी उमेश मिश्रा का नाम है. जबकि वरिष्ठता के आधार पर होम गार्ड डीजी यूआर साहू सबसे ऊपर हैं. सरकार वरिष्ठता को आधार बनाती है तो दक नए डीजीपी हो सकते हैं. इसके साथ ही सरकार की आंख, नाक, कान यानी इंटेलीजेंस डीजी मिश्रा भी सरकार की पसंद में हैं. दक उदयपुर के रहने वाले हैं और जयपुर और जोधपुर के पुलिस कमिश्नर वह रह चुके हैं. इसके साथ ही 6 जिलों में एसपी रह चुके हैं. गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में जोधपुर एसपी भी रह चुके हैं. वहीं दूसरे कार्यकाल में कोटा और जोधपुर के रेंज आईजी रह चुके हैं. वहीं मिश्रा यूपी के रहने वले हैं. 4 जिलों में एसपी रह चुके हैं. जोधपुर और कोटा रेंज में आईजी रह चुके हैं. इसके साथ ही ज्यादातर पोस्टिंग इंटेलिजेंस, एसीबी, एटीएस-एसओजी जैसी एजेंसियों में रही. अभी इंटेलीजेंस की कमान संभाले हुए हैं.


महिला डीजीपी का बना सकते रिकॉर्ड
सरकार चाहे तो पहली महिला डीजीपी का रिकॉर्ड बना सकती हैं. गहलोत ने दूसरे कार्यकाल में पहली बार महिला आईएएस कुशल सिंह को सीएस बनाया. तीसरे कार्यकाल में सीएस फिर सीनियर महिला आईएएस उषा शर्मा को बनाया. अब सीनियर महिला आईपीएस नीना सिंह को बनाकर नया रिकॉर्ड बना सकते हैं.


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