Jaipur: प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी कलह एक बार फिर देखने को मिली है. कुछ दिनों के लिए सियासी बयानबाजी राहुल गांधी की बायनबाजी के दौरान मानो थम सी गई थी लेकिन अब ये बयान बाजी दोबारा से शुरू हो गई है. सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक दूसरे पर लगातार सियासी हमले पिछले 4 दिनों से करते हुए दिखाई दे रहे हैं.


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 पांच जिलों के दौरों पर सचिन पायलट किसान सम्मेलन के चलते हैं. इस किसान सम्मेलन के दौरान पेपर लीक माफियाओं पर कार्रवाई के साथ नकल के मुद्दे पर कटाक्ष किया. ये कटाक्ष उन्होंने 16 जनवरी को किया. सीएम गहलोत ने भी पायलट के बयान का जवाब उन्हीं के अंदाज में दिया था. 


इसी बयान बाजी के चलते बुधवार के दिन सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की तुलना कोरोना से कर दी. बता दें कि 18 जनवरी बुधवार को कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिवालय में बातचीत कर रहे थे. इसी समय  मुख्यमंत्री पर एक कर्मचारी नेता ने आरोप लगाया कि आप कर्मचारियों की ओर से बार बार कहने पर भी मिलते नहीं हो. इसके जबाव में सीएम गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना तंज कसा और कहा कि अब मैं मिलने लगा हूं. उन्होंने कहा कि  पहले उपचुनाव फिर राज्यसभा चुनाव और कभी कोरोना आ गया था. 


सीएम  गहलोत ने हंसते- मुस्कुराते ये भी कहा दिया कि एक बड़ा कोरोना तो हमारी पार्टी के अंदर भी आ गया है. उनके इस बायान के बाद बैठक में मौजूद कई अफसर, जनप्रतिनिधि और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों की भी हंसी छूट गई. बता दें कि सचिन पायलट ने बुधवार को ही झुंझुंनूं के गुढा में अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि अशोक गहलोत ने पेपर लीक मामले में अफसरों और नेताओं को क्लीन चिट दी तो अगर अफसर दोषी नहीं है तो तिजोरी में बंद पेपर बाहर कैसे आ जाते हैं.  ये भी कोई जादूगरी है.


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