Jaipur: शुक्रवार को  विश्व ओआरएस दिवस मनाया जाता है . दरअसल, भारत में काफी कम आबादी के बीच इस विषय को लेकर जागरूकता की बेहद कमी है.इस दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, 5 साल की उम्र से छोटे बच्चों में मौत होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण डायरिया संबंधी समस्या है.


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डायरिया के कारण हुई शरीर में पानी की कमी को ओआरएस की मदद से दूर किया जा सकता है. सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि वयस्कों और बुजुर्ग लोगों में भी डिहाइड्रेशन पानी की कमी की समस्या को दूर करता है.


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आज विश्व ORS दिवस के मौके पर SMS मेडिकल कॉलेज जयपुर में जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों की तरफ से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया और जागरूकता को लेकर एक पोस्टर भी लॉन्च किया गया. कार्यक्रम में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ राजीव बगरहट्टा ,जेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक गुप्ता ,WHO के राजस्थान प्रमुख डॉ राकेश विश्वकर्मा मौजूद रहे.


इस जागरूकता कार्यक्रम में बताया गया कि, कैसे भारत में बच्चों को पेट संबंधी दिक्कत होती है ,डायरिया होने पर जो नमक ,चीनी पानी का घोल दिया जाता है वो कैसे बच्चों और बड़ों की जिंदगी बचा सकता है. WHO के राजस्थान प्रमुख ने बताया कि भारत के इस नुस्खे को पूरी दुनिया ने कारगर माना है. 


वर्तमान में राजस्थान के वो सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल जहां बच्चों का ईलाज होता है. वहां बच्चों के ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे है, जिसमें पेट दिक्कतें ,डायरिया देखा जा रहा है ,,इसलिए कार्यक्रम के जरिए डॉक्टर्स ने अपील की है कि अपने बच्चों को ORS का घोल लगातार दें और चिकित्सक को जरुर दिखाएं. 


बारिश के इस सीजन में गंदा पानी पीने से या पेट संबंधी बीमारी से डायरिया होता है.  जिस दौरान पानी की कमी से बच्चों की मौत तक हो जाती है.  ऐसी स्थिति में ओआरएस का घोल वरदान साबित होता है.


WHO के अनुसार 5 साल से कम उम्र के बच्चों को डायरिया होने पर ओआरएस का घोल दिया जाता है. जिससे उसे पानी की कमी से होने वाली मौत से बचाया जा सकें.


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