Jaisalmer News: जैसलमेर में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का एक मामला सामने आया है. दरअसल एंटिलार्वा दवाइयों का छिड़काव इन दिनों जैसलमेर में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा घर-घर करवाया जा रहा है, जिससे कि मलेरिया और डेंगू का खतरा कम हो सके. ऐसे में एंटीलार्वा दवाई ही एक आशा सहयोगिनी के लिए जान पर आफत बनकर सामने आई है.


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दरअसल जैसलमेर के केंद्र नंबर 9 की आशा सहयोगिनी मंजू भाटी रविवार को फील्ड के दौरान घरों में एंटी लारवा दवाई का छिड़काव कर रही थी. इस दौरान एंटीलार्वा केमिकल की बोतल खोलने के दौरान एक धमाका हुआ और उससे निकला लिक्विड मंजू भाटी के चेहरे पर जा गिरा. इस दौरान जहां मंजू भाटी का चेहरा आंखे और हाथ जल गए. वहीं पास खड़ी महिला संजू पत्नी महेश के भी चेहरे पर छीटें लगने से उसके चेहरे पर भी दाग जम गए.



ऐसे में दोनों घायलों को जैसलमेर के जवाहिर अस्पताल लाया गया, जहां मंजू के साथ ही काम करने वाली आशासहयोगिनी सुनीता गर्ग ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज से ही मना कर दिया. डॉक्टरों ने मुकदमा दर्ज करवाने की बात कही. जिस पर हमने चिकित्सा विभाग के आलाधिकारियों को भी सूचित किया लेकिन अभी तक उसके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई मदद सामने नहीं आई है. ऐसे में आशा सहयोगिनियों में भय का माहौल है और उनका कहना है कि अब वे यह केमिकल युक्त लिक्विड लोगों के घरों में छिड़केगी नहीं. 



आशा सहयोगिनी सुनीता गर्ग का आरोप है कि उन्हें इसके लिए कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया. न ही ग्लब्ज दिए गए हैं. यदि इस केमिकल के प्रभाव जानलेवा है तो वह आगे से यह काम नहीं करेगी. वहीं परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के कार्मिक के साथ ऐसी वारदात होने के बाद भी स्वास्थ्य महकमें से कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया हैं. नहीं उन्हें संतोषजनक जवाब दिया जा रहा है. अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है ??