Jaisalmer: पाकिस्तान में जुल्म का शिकार हुए भारत आए पाक विस्थापितों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा शरण देने की बड़ी-बड़ी बातें की जाती है. वहीं यहां पाक विस्थापित अपनों में भी गैरों सा माहौल देख रहे हैं. वे साफ तौर पर कह रहे हैं कि हम पाकिस्तान में पहले से ही दुखी थे. वहीं हमने भारत आने से पहले सोचा था कि यहां हमें अपनों का प्यार मिलेगा. लेकिन हमारे नसीब में केवल दु:ख ही दुःख और रिफ्यूजी का सर्टिफिकेट है.


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जैसलमेर में पाक विस्थापितों के घरों पर चला पीला पंजा


पाकिस्तान से भारत आए रिफ्यूजी जहां भारत-पाक सरहद पर बसे सरहदी जिले जैसलमेर शहर से सटे अमरसागर ग्राम पंचायत के पास अपना डेरा डाले हुए थे, वहीं मजदूरी कर अपने परिवार के साथ रह रहे थे लेकिन मंगलवार को यूआईटी विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए करीबन 40 पाक विस्थापित परिवारों के आशियाने उजाड़ दिए गए.  अब वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं. यूआईटी द्वारा पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में पाक विस्थापितों के आशियाने हटाए गए. जहां पुलिस जवानों के साथ ही भारी संख्या में महिला पुलिस भी मौजूद रही और पाक विस्थापितों के घर तोड़े गए. वहीं ऐसे में विस्थापितों के आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.



जिसमें पुरुषों के साथ ही महिलाओं का भी कहना है कि हम यहां पाकिस्तान के सितमों से परेशान होकर अपनी मातृभूमि भारत आए थे. हमने सोचा था कि यहां हमे अपनों का प्यार मिलेगा लेकिन यहां आने पर हमें सिवा परेशानी के कुछ नहीं मिल रहा है. जहां सुरक्षा एजेंसियां हमे शहर से 20 किलोमीटर के बाहर कहीं रहने की परमिशन नहीं देती वहीं यदि हम शहर के पास ही कोई आशियाना बनाकर रहते हैं तो जिला प्रशासन द्वारा उन पर कार्रवाई करते हुए हमारे आशियाने हटा दिए जाते हैं.


हमारे पास ही बने मकानों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. क्योंकि शायद वे इसी धरती पर जन्मे हैं. इस कारण उन्हें तो रियायत दी जाती है और हमारे साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. अब  ऐसे में हम जाएं भी तो कहां जाएं. या तो हमें प्रशासन मार दे या उचित आशियाने के लिए हमें जमीन दे. क्योंकि हम पाकिस्तान तो जीते जी नही जाएंगे.


यूआईटी का चला पीला पंजा


वही ऐसे में यूआईटी द्वारा की गई इस कार्रवाई में पाक विस्थापितों की एक भी नहीं सुनी गई और उनके आशियाने पर पीला पंजा चला दिया गया. क्योंकि यूआईटी का कहना है कि पहले ही इनके मकानों को अतिक्रमण के चलते चिन्हित किया गया था और अतिक्रमण हटाने को सूचित भी कर दिया गया था. वहीं आहत होकर पाक विस्थापित जिला कलेक्टर टीना डाबी के द्वार गुहार लगाने पहुंचे जहां उनका धरना अभी भी जारी है.


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