Jaisalmer: खत्म हुआ कुरजां की हमशक्ल का इंतजार,लाठी क्षेत्र पहुंची कॉमन क्रेन
Jaisalmer news: वन्यजीवों में अपनी रुचि रखने वाले और शोध करने वाले शोधार्थियों का कुरजां की हमशक्ल का इंतजार आखिर पूरा हुआ.पांच दिन पूर्व कुरजां की हमशक्ल कॉमन क्रेन लाठी क्षेत्र पहुंच चुकी है. इस वर्ष भी गत दो माह से कॉमन क्रेन का इंतजार किया जा रहा था,जो आखिर पूरा हुआ.
Jaisalmer news: वन्यजीवों में अपनी रुचि रखने वाले और शोध करने वाले शोधार्थियों का कुरजां की हमशक्ल का इंतजार आखिर पूरा हुआ.पांच दिन पूर्व कुरजां की हमशक्ल कॉमन क्रेन लाठी क्षेत्र पहुंच चुकी है. मध्य एशिया से भारत और विशेष रूप से राजस्थान के जैसलमेर में प्रवास करने वाले कुरजां पक्षी के साथ अब उसकी हमशक्ल कॉमन क्रेन भी यहां आने लगी है.
वर्ष हुई कॉमन क्रेन की आवक ने पर्यावरण प्रेमियों को अपनी तरफ आकर्षित होने को मजबूर किया था. इस वर्ष भी गत दो माह से कॉमन क्रेन का इंतजार किया जा रहा था,जो आखिर पूूरा हुआ.
छह माह होता है प्रवास
गौरतलब है कि विदेशी पक्षी साइबेरियन सारस कुरजां (डेमोइसिलक्रेन)प्रतिवर्ष अगस्त माह के अंत अथवा सितम्बर माह के पहले सप्ताह में भारत की तरफ प्रवास करती है. इनका प्रवास छह माह का होता है तथा फरवरी व मार्च माह में पुन: यहां से रवाना होती है. विशेष रूप से मध्य एशिया के कजाकिस्तान, मंगोलिया,साइबेरिया,रसिया से बड़ी संख्या में कुरजां यहां आती है. कुरजां की हमशक्ल कॉमन क्रेन का गत दो वर्षों से लाठी क्षेत्र में प्रवास हो रहा है.
रविवार को नजर आए पक्षी
गत वर्ष भी लाठी क्षेत्र के गुजरी नाडी पर कॉमन क्रेन दिखाई दी थी. दिखने में कुरजां व कॉमन क्रेन एक जैसी होने के कारण लोगों को इसका पता नहीं चल पाता है कि यह कुरजां है या कॉमन क्रेन. अधिकांश लोग इसे भी कुरजां ही समझते है. पक्षियों के विशेषज्ञ व कुछ विशेषताएं ही इसे अलग बनाती है. रविवार सुबह क्षेत्र के धोलिया गांव व कोजेरी नाड़ी के पास कॉमन क्रेन का झुण्ड नजर आया.
कुरजां जैसी होती कॉमन क्रेन
गत वर्ष कॉमन क्रेन की आवक ने पर्यावरण प्रेमियों में एक जिज्ञासा जगा दी थी. कुरजां जैसी दिखने वाले इस अलग प्रकार के पक्षी को देखकर पर्यावरणप्रेमियों में उत्सुकता थी. जब इस बारे में पर्यावरण प्रेमियों व वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों ने जांच की,तो जानकारी मिली कि कुरजां के जैसी दिखने वाला पक्षी कॉमन क्रेन है,जिसकी विशेषताएं कुरजां के जैसी ही है. इस वर्ष हुई कॉमन क्रेन की आवक से शोधार्थियों को जांच व अध्ययन के लिए नया विषय मिलेगा.
धोलिया व कोजेरी नाडी के पास के पास नजर आई कॉमन क्रेन
इस वर्ष गत दो माह से कॉमन क्रेन का इंतजार चल रहा था. बुधवार को धोलिया गांव के पास कॉमन क्रेन नजर आई है. अब आगामी छह माह तक इनका प्रवास होगा. जिससे शोधार्थी व वन्यजीवों में रुचि रखने वालों को नया विषय मिलेगा. मैनें इनके झुण्ड को कैमरे में भी कैद किया है.
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