जैसलमेर : वेंटिलेटर पर शिक्षा व्यवस्था, स्कूल में नहीं है पीने का पानी, क्लास छोड़कर कुंए पर जाते हैं बच्चे
पूरी दुनिया में पहचान बना चुके सम गांव में हर साल लाखों लोग घूमने आते हैं, यहां की खूबसूरती का दीदार करते हैं लेकिन, इसके बावजूद राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सम में बच्चों को पानी पिलाने के लिए शिक्षकों को कुए से पानी सींचकर कैंपर भरना पड़ता है.
Jaisalmer: जैसलमेर के विश्वविख्यात सम गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पिछले कई दशकों से पीने के पानी का संकट बना हुआ है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ही नहीं, बल्कि शिक्षक भी पीने के पानी की समस्या से परेशान हैं, ऐसे में बच्चे और शिक्षक मिलकर कुएं से सींचकर पानी लाते हैं. बच्चे स्कूल से आने के बाद अपने शिक्षक के साथ कुंए पर जाते हैं और पानी का कैम्पर भरकर लाते हैं, ताकि पीने का पानी मिल सके.
दरअसल पूरी दुनिया में पहचान बना चुके सम गांव में हर साल लाखों लोग घूमने आते हैं, यहां की खूबसूरती का दीदार करते हैं लेकिन, इसके बावजूद राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सम में बच्चों को पानी पिलाने के लिए शिक्षकों को कुए से पानी सींचकर कैंपर भरना पड़ता है. ऐसे में बच्चों के कुंए के पास जाने पर शिक्षकों को हमेशा डर लगता है की कोई बालक कुए में न गिर जाए, इसके लिए शिक्षक ही सींचकर कैंपर भरते हैं.
इस विद्यालय में लंबे समय से नौकरी कर रहे शिक्षकों ने बताया कि पहले पानी मटकी में लाते थे और अब कैंपर में लाते हैं. कभी-कभी चंदा करके पानी का टैंकर भी टांके में डलवा दिया जाता है, जिससे पानी टंकी में भरकर नल से बच्चों को आसानी से पिलाया जा सके. वही पिछले कई वर्षों में यहां कई तरह के शौचालय बने हैं, लेकिन पानी की कमी के कारण उनका उपयोग ही नहीं हुआ है और न उनका उपयोग संभव है.
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