Jalore: जिले के रानीवाड़ा उपखंड मुख्यालय पर मासूम बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित किए जाने वाले पोषाहार में बड़ा घपला सामने आया है. आंगनबाड़ियों की बजाय कबाड़खाने ले जाकर रिपैकेजिंग कर कालाबाजारी करने के प्रयास में पुलिस ने 31 टन पोषाहार जब्त कर दो आरोपियों क किया है. पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जालोर जिले के रानीवाड़ा उपखण्ड क्षेत्र के जालेरा खुर्द में रानीवाड़ा वृत्ताधिकारी शंकरलाल मंसुरिया के नेतृत्व में पुलिस ने बुधवार को यह कार्रवाई की. इस कार्रवाई ने समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग की बड़ी पोल खुल गई है.


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पुलिस थाना रानीवाड़ा की ओर से राजस्थान सरकार समेकित बाल विकास सेवाएं द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर निःशुल्क वितरण किये जाने वाले पोषाहर का अवैध रूप से भण्डारण कर कम्पनी के पैकेट्स को खोलकर अवैध रूप से अन्य कट्टों में भरकर मार्केट में बेचने की तैयारी करने के आरोप में पोषाहार की समस्त सामग्री वजन 31377.75 किलोग्राम (31 टन) जब्त कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.


जालोर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. किरन कंग सिद्धू के निर्देश पर रानीवाड़ा वृत्ताधिकारी शंकरलाल मंसुरिया के सुपरविजन में समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) के कार्यवाहक उपनिदेशक अशोक कुमार विश्नोई की उपस्थिति में सरहद जालेरा खुर्द में स्थित एक कबाड़ी के गोदाम में पोषाहार सामग्री का अवैध रूप से भण्डारण कर उन कम्पनी के पैकेट्स को खोलकर अन्य कट्टों में भरकर मार्केट में बेचने की तैयारी की जा रही थी.


आंगनबाड़ी सेवा योजनान्तर्गत फोर्टिफाइड पूरक पोषाहार निःशुल्क वितरण के पैकेटों के कट्टे जो उक्त आंगनबाड़ी सेवा योजनान्तर्गत फोर्टिफाइड पूरक पोषाहार निःशुल्क वितरण के पैकेटों को खोलकर नये सादा प्लास्टिक के कट्टे भरना पाया जाने पर अशोक कुमार उप निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं जालोर द्वारा मौके की कार्रवाई की गई.


इतनी सामग्री पुलिस ने की जब्त
 


मौके से राजस्थान सरकार समेकित बाल विकास सेवाएं द्वारा आंगनबाड़ी सेवा योजनान्तर्गत फोर्टिफाइड पूरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण नमकीन मुरमुरा के कुल 187 कट्टे, फोर्टिफाइड पूरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण मीठा मुरमुरा के कुल 110 कट्टे, फोर्टिफाइड पुरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण फोर्टिफाइड न्युट्री मीठा दलिया के कुल 38 कट्टे, फोर्टिफाइड पूरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण फोर्टिफाइड बालाहार प्रिंमिक्स के कुल 6 कट्टे फोर्टिफाइड पुरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण फोर्टिफाइड मूंग दाल चावल खिचड़ी के कुल 12 कट्टे, फोर्टिफाइड पुरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण फोर्टिफाइड मीठा दलिया के कुल 3 कट्टे, फोर्टिफाइड पूरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण फोर्टिफाइड सादा गेहूं दलिया के कुल 5 कट्टे, फोर्टिफाइड पुरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण नमकीन मुरमुरा के कट्टे खोलकर तैयार करवाये गये.


प्लास्टिक के कुल कट्टे 240 कटटे फोर्टिफाइड पूरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण दलिया के कट्टे खोलकर तैयार करवाये गये. प्लास्टिक के कुल 310 कट्टे, फोर्टिफाइड पुरक पोषाहार का निःशुल्क वितरण के नमकीन चावल के कट्टे खोलकर तैयार करवाये गये. प्लास्टिक के 38 कट्टे भरे हुए पाए. जब्तशुदा समस्त सामग्री का वजन 31377.75 किलोग्राम कुल 31 टन पाया गया. साथ ही मूल जिन-जिन पैकेट में ये पोषाहार इस गोदाम में लाया गया था, उन पैकेट जिन पर बेच नम्बर, कम्पनी का नाम आदि अंकित था उन्हें जलाया जा रहा था.


उपनिदेशक की रिपोर्ट पर मामला दर्ज
 


इस संबंध में उप निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं जालोर की रिपोर्ट पर पुलिस थाना रानीवाड़ा में मामला दर्ज कर आरोपी रानीवाड़ा निवासियान रामलाल पुत्र डायाराम माली व हीरालाल पुत्र श्यामसुन्दर को गिरफ्तार किया गया.


विभागीय मजबूरी या मेहरबानी... क्योंकि, वर्षों से एक सीडीपीओ को चार पदों की जिम्मेदारी


रानीवाड़ा क्षेत्र के जालेरा खुर्द में आंगनबाड़ी पोषाहार की कालाबाजारी से पहले हुई जब्ती से आईसीडीएस विभाग की बड़ी पोल खुल गई है. यूं तो इस विभाग की मासूम बच्चों को पोषण प्रदान करने बड़ी जिम्मेदारी है, जालोर जिले के प्रति लंबे समय से अनदेखी कहीं न कहीं किसी विशेष पर मेहरबानी की ओर इशारा कर रही है. जालोर जिले में आईसीडीएस के उपनिदेशक का पद पिछले पांच वर्षों से रिक्त चल रहा है, जिस अधिकारी को उपनिदेशक के कार्यवाहक की जिम्मेदारी दी हुई है, उनके पास जालोर, सायला व आहोर सीडीपीओ को भी दायित्व दिया हुआ है.


इतना लंबा समय बीतने के बाद भी न तो नया अधिकारी लगाया जा रहा है और न ही एक व्यक्ति का बोझ कम किया जा रहा है. जिस कारण मॉनिटरिंग में भी कमजोरी सामने आ रही है. इनके अलावा भी केवल रानीवाड़ा में मूल विभाग की सीडीपीओ तैनात है, शेष स्थान पर तो ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को ही कार्यवाहक सीडीपीओ का दायित्व सौंपकर औपचारिकता निभाई जा रही है. जानकारी के मुताबिक जिलेभर में 1791 आंगनबाड़ी केंद्र है. जालोर की 185, सायला की 285 व आहोर की 194 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए नियमित सीडीपीओ के पद लंबे समय से रिक्त पड़े है.


यहां इन तीनों परियोजना के कार्यवाहक सीडीपीओ की जिम्मेदारी केवल जालोर सीडीपीओ अशोक विश्नोई को सौंपी हुई है, जिनके पास लंबे समय से उपनिदेशक का भी कार्यवाहक पदभार सौंपा हुआ है. इसके अलावा केवल रानीवाड़ा में 176 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए मूल विभाग की सीडीपीओ का पदभार अनुराधा शर्मा के पास है. इसके अलावा भीनमाल की 211 आंगनबाड़ी केंद्रों के सीडीपीओ का पदभार भीनमाल के एसीबीईओ खँगारसिंह के पास है. इसी प्रकार चितलवाना की 274 केंद्रों के परियोजना अधिकारी की जिम्मेदारी वहां के एसीबीईओ मंगलाराम विश्नोई के पास, सांचौर के 330 आंगनबाड़ी केंद्रों के सीडीपीओ की जिम्मेदारी वहां के एसीबीईओ पूनमचंद विश्नोई और जसवंतपुरा के 144 केंद्रों के परियोजना अधिकारी की जिम्मेदारी भी एसीबीईओ टीकमाराम देवासी को दी हुई है.


मूल विभाग के अधिकारी के अभाव में दोहरी जिम्मेदारी के कारण कार्य प्रभावित होना भी लाजिमी है. आपको बता दें कि निजी कम्पनी की ओर से जिलेभर में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरित किया जाता है, इतना बड़ा घपला कहीं न कहीं विभागीय मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है. इसकी विस्तृत जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी.


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