Jalore News: राजस्थान के जालौर जिले के आहोर उपखंड के ओडवाड़ा गांव में 35 एकड़ ओरण भूमि पर बने 150 से अधिक मकान व कच्चे अतिक्रमण को हाईकोर्ट के आदेश पर आज तोड़ा जा रहा है, जिसको लेकर जिला प्रशासन बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा है. पुलिस को देखकर पूरा गांव अपने घरों को बचाने के लिए पुलिस के सामने रोड़ पर बैठ गए. 


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ग्रामीणों के अनुसार, करीब 3 साल पहले गांव के निवासी मुकेश राजपुरोहित व महेन्द्रसिंह राजपुरोहित ने अपने जमीन के बटवारे को लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद दोनों भाइयों में मामला इतना बढ़ गया कि मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया.


इसके बाद दोनों भाइयों के जमीन के नाप हुआ, जिसमें गांव के करीब 440 गांव ओरण भूमि में पाये गए. इसके बाद कोर्ट के आदेश से 2022 व 2023 में कुछ कच्चे अतिक्रमण हटा दिए. 



अब फिर से कोर्ट के आदेश पर 150 से अधिक कच्चे मकान व 160 के करीब बाडें बंदी हटाने को लेकर गांव में मकानों को चिन्हित कर निशान लगाये थे और अब जिला प्रशासन द्वारा हटाने की प्रकिया शुरू की गई. 


इसको लेकर ओडवाड गांव में सुबह 7 बजे ही पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंच गया. गांव के सभी लोग भी पुलिस के सामने धरने पर बैठ गए. लोगों ने विरोध शुरू किया. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. फिलहाल गावं में भारी पुलिस जाब्ता मौजूद है.  



पीसीसी चीफ डोटासरा ने लिखा...
वहीं,  आहोर उपखंड के ओडवाड़ा गांव में पुलिस की बर्बर कार्रवाई मामले में पीसीसी चीफ डोटासरा ने कार्रवाई का विरोध जताया. इसी के चलते उन्होंने सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म X पर लिखा कि 'भाजपा के नये राजस्थान में आपका स्वागत है. शर्मनाक!' 'जालोर के ओडवाडा में उजड़ते आशियाने, बिलखते परिवार... महिलाओं से बर्बरता और पुलिस का क्रूर चेहरा'.  


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