Jhalawar News, झालावाड़: भू-माफियाओं द्वारा सरकारी भूमि एवं भवनों पर कब्जे के मामले तो अमूमन सामने आ जाते है, लेकिन शनिवार शाम को झालावाड़ शहर के मामा भांजा चौराहे पर स्थित वन विभाग के एक भवन पर पुलिस द्वारा कब्जा कर पुलिस थाना शुरू कर देने का मामला सामने आया है, जिसकी सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया. 


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झालावाड़ शहर के मामा भांजा चौराहे पर स्थित वन विभाग के एक पुराना भवन का, जिसमें कभी ऐसीएफ रहा करते थे. कुछ अरसे से यह भवन वन विभाग उपयोग नहीं कर रहा और ताले लगा रखे थे. इसी दरमियान महिला पुलिस थाने के थाना अधिकारी द्वारा भवन का रंग रोगन कर साफ-सफाई करवा दी गई और लोडिंग में भर कर शनिवार शाम को सोफे, कुर्सियां, टेबल लेकर पहुंच गए और महिला पुलिस थाना स्थापित कर दिया. 


वन विभाग के भवन पर एकाएक हुए पुलिस के कब्जे की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी भी सकते में आ गए.  रेंजर द्वारा दूरभाष पर महिला थाने के थाना अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने बात नहीं की. इसके बाद रेंजर हेमराज सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और महिला थाने के थानाधिकारी नंदकिशोर वर्मा से बात की. इस दौरान दोनों अधिकारियों में नोकझोंक भी हुई.     


बिना सूचना के कर लिया कब्जा
इस मामले में रेंजर हेमराज सिंह का कहना है कि बिना सूचना के महिला थाना पुलिस द्वारा वन विभाग के भवन पर कब्जा कर लिया है, जब उन्होंने महिला थाना अधिकारी से बात की तो उनका कहना था कि पुलिस के उच्चाधिकारियों ने बकायदा सूचना दी है, लेकिन जब उन्होंने डीएफओ को मामले से अवगत कराया, तो उन्होंने मामले में अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उनसे पुलिस के किसी अधिकारी की बात नहीं हुई. 


रेंजर हेमराज द्वारा महिला थानाधिकारी से अस्थाई थाना शिफ्टिंग हेतु वन विभाग की सहमति के कागजात मांगे, तो उन्होंने कुछ नहीं बताया. ऐसे में उनको भवन खाली करने के लिए कहा गया है, क्योंकि भवन कानूनन किसी  अन्य विभाग को नहीं दिया जा सकता है. इसी दौरान वहां काफी भीड़ भी जमा हो गई, जिसको बाद में पुलिस ने हटाया. 


महिला पुलिस थाने का हो रहा है नव निर्माण
झालावाड़ एएसपी चिरंजी लाल मीणा ने बताया कि महिला पुलिस थाना भवन के पुनर्निर्माण के लिए बजट आवंटित हुआ है और वहां निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है. महिला थाना होने की वजह से महिलाओं की सुविधा के लिए मामा भांजा स्थित खाली पड़े भवन की मरम्मत कराकर निर्माण होने तक इस भवन में पुलिस थाना शिफ्ट किया गया है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों द्वारा इस पर आपत्ति दर्ज की गई है और भवन खाली करने के लिए कहा गया है. हमने उनसे बात भी की है, लेकिन वह नहीं मान रहे हैं, तो हम भवन को खाली कर देंगे और  कहीं और शिफ्ट कर देंगे. 


ऐसे में सवाल यह है कि किसी अन्य विभाग के खाली पड़े भवन पर पुलिस ने भू-माफियाओं की तरह कब्जा करने से पहले आखिर संबंधित विभाग से पूछना भी क्यों जरूरी नहीं समझा. दबंगों के कब्जे से गरीबों की जमीने मुक्त कराने वाली पुलिस खुद ही अब इन सवालों में घिर गई है. 


Reportert- Mahesh Parihar