Jhalawar: झालरापाटन में नगर भ्रमण पर निकले घास भैरू, मदिरा के साथ चला रूठने मनाने का सिलसिला
झालावाड़ के झालरापाटन में भाई दूज के अवसर पर परंपरा के अनुसार शहर की खुशहाली के लिए लोक देवता घास भैरु की सवारी निकाली गई.
Jhalawar: झालावाड़ के झालरापाटन में भाई दूज के अवसर पर परंपरा के अनुसार शहर की खुशहाली के लिए लोक देवता घास भैरु की सवारी निकाली गई. घास भैरु की सवारी देखने के लिए ना केवल शहर के बल्कि आस -पास के गांवो से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और लोक देवता को नमन कर आशीर्वाद लिया.
धार्मिक नगरी झालरापाटन में परंपरा के मुताबिक हर वर्ष की भांति इस साल भी भाई दूज के अवसर पर लोक देवता घास भैरु की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकाली गई, जिनकी सवारी देखने के लिए शहर और आस-पास के गांव से आए भक्तों का तांता लग गया. भक्तों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहें, जिन्होंने घास भैरू को नारियल और अगरबत्ती भेंट कर शराब की धार से उन्हें मनाने का प्रयास किया और ढोक लगाकर अपने बच्चों के स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली की कामना की.
लोक देवता को नगर भ्रमण करवाने के लिए कई जोड़ी बैल द्वारा उन्हें खींचा जाता है और कहीं जगह रूठने पर यह रुक जाते हैं, तो फिर शराब की धार से भोग लगाकर इन्हें मनाया जाता है तथा बैलों की जोड़ी की और संख्या बढ़ाकर आगे भ्रमण के लिए ले जाया जाता है. इस चमत्कार को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहते हैं. घास भैरू की सवारी के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और अधिकारी भी मौजूद रहें. भक्तों में ऐसी मान्यता है कि घास भैरव को नगर भ्रमण कर सवारी निकालने से शहर और आसपास के क्षेत्र में खुशहाली कायम होती है तथा कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आती.
Reporter – Mahesh Parihar
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