Jhalawar: झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में आज कोटा के 94 वर्षीय दिवंगत बुजुर्ग का देहदान हुआ. इसके लिए दिवंगत रघुनंदन पोखर के पुत्र विरेश सिंह अपने दिवंगत पिता का पार्थिव शव लेकर झालावार मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. शिव भगवान शर्मा एवं एनाटॉमी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ मनोज शर्मा ने परिजनों से शव प्राप्त किया. इस दौरान देहदान एवं नेत्रदान के लिए प्रेरित करने वाली संस्था शाइन इंडिया के प्रतिनिधि भी मौजूद रहें. 


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गौरतलब है कि झालावाड मेडिकल कॉलेज बनने के 14 साल में ये चौथा देहदान कॉलेज को प्राप्त हुआ है, जिससे यहां मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर रहें छात्रों को मानव संरचना विज्ञान के अध्ययन में सहायता प्राप्त हो सकेगी. दिवंगत बुजुर्ग रघुनंदन पोखर के पुत्र विरेश सिंह ने बताया कि उनके पिता ने 25 साल पहले कोटा में देहदान का संकल्प लिया था, जिसके बाद अभी कुछ दिन पहले से वो बीमार चल रहें थे, जिनकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई, इसके बाद देहदान के लिए प्रेरित करने वाली संस्था शाइन इंडिया के प्रतिनिधियों ने उनसे संपर्क किया और उनके दिवंगत पिता की देह झालावाड मेडिकल कॉलेज को देहदान करवाने के लिए प्रेरित किया.


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गौरतलब है कि झालावाड मेडिकल कॉलेज पिछले लंबे वक्त से मृत देह की कमी से जूझ रहा है, जिसके चलते चिकित्सा विज्ञान के अध्ययनरत छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है,इसी कारण से परिजनों ने कोटा की जगह झालावाड मेडिकल कॉलेज में देहदान करवाना उचित समझा. झालावाड मेडिकल कॉलेज में आज हुए देहदान के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों ने भी देहदान करने वाले दिवंगत बुजुर्ग के परिजनों का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया और उनका देहदान के लिए आभार जताया. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने भी कहा कि यदि समाज में देहदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी तो इससे चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं को मेडिकल की पढ़ाई में काफी आसानी हो सकेगी और आगे आने वाले वक्त में वो आम जनता को अच्छे ढंग से चिकित्सा उपलब्ध करवा पाएंगे.


Reporter - Mahesh Parihar


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