झुंझुनूं में निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र भांबू ने भरा पर्चा, भाजपा से बगावत कर मैदान में उतरे
झुंझुनूं न्यूज: झुंझुनूं विधानसभा से आज निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र भांबू ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.
झुंझुनूं न्यूज: झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके भाजपा नेता राजेंद्र भांबू ने आज अपने समर्थकों के भारी लवाजमे के साथ नामांकन दाखिल किया. भांबू ने पहले अपने कार्यालय में सभा की. इसके बाद हजारों समर्थकों के साथ खुली जीप में नामांकन के लिए रवाना हुए. इस दौरान शहर में कई घंटों तक का जाम लगा रहा. जिसे खुलवाने के पुलिसकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी. भांबू के मैदान में आने के बाद ना केवल मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. बल्कि भाजपा की नींद उड़ी हुई है.
झुंझुनूं विधानसभा से आज निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र भांबू ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. नामांकन दाखिल करवाने के लिए उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह, मुंबई प्रवासी समाजसेवी सलीम चौहान, कृषि वैज्ञानिक डॉ. हनुमानप्रसाद समेत अन्य वरिष्ठ लोग मौजूद थे. नामांकन से पहले अग्रसेन सर्किल स्थित भांबू के कार्यालय में सभा हुई. जिसे भी वक्ताओं ने संबोधित किया.
इसके बाद खुली जीप में भांबू को नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट तक लाया गया. इस दौरान जगह जगह पर भांबू का स्वागत किया गया. वहीं महिलाएं पूरे रास्ते उत्साह के साथ मंगल गीत गाते हुए चल रही थी. वहीं कुछ महिलाएं ट्रेक्टर लेकर नामांकन रैली में पहुंची. इस मौके पर भांबू ने कहा कि झुंझुनूं विधानसभा में पिछले 15 सालों से वंशवाद और भ्रष्टाचार का तांडव हो रहा है.
कांग्रेस प्रत्याशी का यह सातवां चुनाव है. लेकिन विकास कहीं नजर आता. उन्होंने कहा कि एक पार्टी ने ऐसे उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया है. जिससे एक भय की स्थिति बन गई है. व्यापारी, मजदूर, किसान, महिला सभी सकते में है. लेकिन वे कृत संकल्पित है कि झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में वंशवाद, भ्रष्टाचार व गुंडागर्दी को नहीं पनपने देंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने मानव सेवा को लक्ष्य लेकर पिछले पांच सालों में काम किया है और यह काम आगे भी जारी रहेगा.
इस मौके पर निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र भांबू ने कहा कि भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. जिससे उनके साथ—साथ कार्यकर्ता भी निराश हुए. लेकिन पंडित दीनदयाल के एक कथन को मानते हुए सभी लोग एक साथ आगे बढ़े है. इस कथन में पंडित दीनदयाल ने कहा था कि कभी संगठन से कोई गलती हो जाए तो कार्यकर्ता उसमें सुधार करें. इसलिए संगठन ने टिकट देने में जो गलती है. उसके सुधार के लिए ना केवल कार्यकर्ता, बल्कि सर्वसमाज और जनता आगे आई है. वे अब निर्दलीय नहीं, बल्कि जनता और सर्वसमाज के उम्मीदवार है.
भांबू ने कहा कि मुझे विश्वास है कि अपना विधायक चुनते वक्त सभी पैरामीटर जनता देखेगी. इसके बाद जब चुनाव होगा. तो वो उनका अपना उम्मीदवार राजेंद्र भांबू ही होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस यहां पर मुस्लिम वोटर्स को अपना वोट बैंक मानती है. लेकिन कभी उनके उत्थान के लिए नहीं सोचा.
इधर, राजेंद्र भांबू का नामांकन दाखिल करवाने मुंबई से आए प्रवासी समाजसेवी सलीम चौहान ने कहा कि भाजपा ने जब भांबू को टिकट नहीं दिया था. तब भांबू ने चुनाव ना लड़ने का मन बना लिया था. पर कार्यकर्ता, आमजनता व सर्वसमाज की अपील पर उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया. तो उसमें केवल मुस्लिम समाज ही नहीं, बल्कि हर समाज भांबू के साथ है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज हमेशा अच्छे नेतृत्व के साथ होता है. इस बार नेक इंसान और मानव सेवा को सर्वोपरी मानने वाले भांबू के साथ रहेगा.
आपको बता दें कि राजेंद्र भांबू, वर्तमान में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष है. वहीं 2018 में वे विधानसभा का चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ चुके है. भांबू को धीरे—धीरे ना केवल सभी का समर्थन मिल रहा है. बल्कि गांवों व शहरों में मिल रहे जनसमर्थन से भांबू का खेमा काफी खुश है. झुंझुनूं विधानसभा से कई बार विधायक रह चुकी वरिष्ठ नेत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह के राजेंद्र भांबू के साथ आने से भी उनकी उम्मीदवारी को काफी मजबूती मिली है. आज नामांकन के समय भी शहर में जाम जैसी स्थिति रही. गांव—ढाणियों से बड़ी संख्या में भांबू के समर्थक पहुंचे. जिसके कारण तीन नंबर रोड और कलेक्ट्रेट के आस—पास घंटों तक जाम बना रहा.
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