Jhunjhunu: मानसून की बेरुखी ने झुंझुनूं जिले के किसानों की चिंता बढ़ा दी है. समय पर बरसात नहीं होने से खरीफ की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बारिश नहीं होने के कारण मूंग और चंवला की फसल में ज्यादा नुकसान हुआ है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द बरसात नहीं हुई तो बाजरा और ग्वार की फसल में भी नुकसान होगा. 


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इस बार झुंझुनूं जिले में मानसून जुलाई महीने में सक्रिय रहा. इस दौरान खरीफ की फसल एक बार अच्छी होने के आसार बने, लेकिन अगस्त महीने में कम बारिश हुई, जिसके कारण खरीफ की फसल को खासा नुकसान हुआ. फसल में दाने पड़ने के समय सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है. ऐसे समय में बारिश नहीं होने से जिले में मूंग और चंवला की फसल मुरझा गई है. 


चंवला और मूंग की फसल की फलियों में दाने नहीं पड़ रहे हैं. अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रही तो उत्पादन में और कमी की आशंका बनी हुई है. अभी तक बाजरा और ग्वार की फसल खड़ी है. बाजरे के सिट्टे निकल चुके हैं. दाना पड़ने वाला है. फसल को पानी की सख्त आवश्यकता है. यही स्थिति ग्वार की फसल की है. 


इसमें फलिया निकल चुकी है. दाना पड़ने की स्थिति में है, लेकिन समय पर बरसात नहीं हुई तो बाजरा और ग्वार की फसल को भी खासा नुकसान होगा. कृषि विभाग के आंकड़ों की बात करें तो जिले में इस बार मूंग और चंवला की फसल की बुवाई 90000 हेक्टेयर में हुई है, जिसमें मूंग की बुवाई 51000 हेक्टयर में चंवला की बुवाई 29000 हेक्टयर में हुई है, जिले में सर्वाधिक 2 लाख 22 हजार हैक्टेयर में बाजरा बोया गया है. ग्वार की फसल 50 हजार हैक्टर में बुआई की गई है.


Reporter: Sandeep Kedia


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