Jhunjhunu Crime News:राजस्थान के झुंझुनूं के सूरजगढ़ थाना इलाके के बलौदा गांव में शराब माफियाओं द्वारा एक युवक की निर्ममता के साथ की गई. हत्या के 9 दिन बाद एक बार फिर आबकारी विभाग खानापूर्ति करने के लिए बलौदा गांव पहुंचा,लेकिन शराब माफियाओं और हथकढ़ शराब का कारोबार करने वाले लोगों विभाग के लोगों ने ही पूर्व सूचना कर गायब करवा दिया. 


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जिससे इस टीम को फोटो सेशन करवाकर बैरंग ही वापिस लौटना पड़ा. जानकारी के मुताबिक ना केवल बलौदा, बल्कि पूरे जिले में आबकारी विभाग ही शराब ठेकेदारों और शराब माफियाओं से गठजोड़ कर अवैध शराब की बिक्री करवा रहा है. 


यही कारण है कि शराब माफिया बिना कोई अंकुश के अवैध शराब बेच रहे है और अपराध बढ़ रहा है. झुंझुनूं जिला मुख्यालय समेत हर गांव और ढाणी में आबकारी विभाग ने एक शराब ठेके की आड़ अनगिनत अवैध ब्रांच और गोदामों तक में शराब बिक्री के ठेके खुलवा दिए है. 


बहरहाल, बलौदा में आज आबकारी विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर चार—पांच जगहों पर दबिशें दी और दो घंटे तक खानापूर्ति करने वाली कार्रवाई की. परंतु टीम का कुछ हाथ नहीं लगा. कार्रवाई आबकारी विभाग के डिप्टी लक्ष्मीनारायण के नेतृत्व में की गई. कार्रवाई में चिड़ावा, सूरजगढ़, झुंझुनूं की आबकारी टीम के अलावा सूरजगढ़ थाना पुलिस भी शामिल रही. पर सभी को वापिस लौटना पड़ा. 




 विभाग ने ठेकेदार को क्लीन चिट दे दी और तीन दिन के लिए उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया. जबकि एसपी राजर्षि राज वर्मा आज भी दावा कर रहे है कि लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त करवाया जाएगा. प्रशासन शराब ठेकेदार के अवैध कब्जे को हटाते हुए अवैध निर्माण तोड़ रहा है.


आबकारी विभाग ठेकेदार पर पूरी तरह मेहरबान है. जिससे साफ जाहिर होता है कि आबकारी विभाग ऐसी घटनाओं को बढावा दे रहा है. आपको बता दें कि 14 मई को बलौदा में शराब माफियाओं द्वारा एक दलित युवक की पीट पीटकर हत्या कर दी थी. यह हत्या शराब को लेकर शराब ठेके से जुड़े बदमाशों द्वारा की गई थी.



सवाल जो जवाब मांगते है....


— 9 दिन बाद आज आबकारी विभाग नींद से जागा है या फिर खानापूर्ति करने बलौदा गांव टीम को भेजा गया.


— एसपी शराब ठेके को निरस्त करने के लिए लगातार बोल रहे है, आबकारी विभाग तीन दिन के लिए लाइसेंस निरस्त कर खानापूर्ति क्यों कर रहा है.


— आबकारी विभाग के नाक के नीचे, झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर अवैध ब्रांच, गोदामों में शराब की दुकानें चल रही है, उन्हें किसकी शह है.


— झुंझुनूं जिले में सैंकड़ों की संख्या में अवैध ब्रांच और गोदामों में शराब ठेके चल रहे है, विभाग ने इन सब पर चुप्पी क्यों साध रखी है.


— विभाग के अधिकारियों की ऐसी क्या मजबूरी है, जो अवैध शराब, अवैध ब्रांच या फिर गोदामों में शराब बिक्री की शिकायतों पर कार्रवाई की बयाज ठेकेदारों को सूचना दी जाती है.


— क्या जिला आबकारी अधिकारी झुंझुनूं और उनके सभी अधिकारी—कर्मचा​री, शराब कारोबारियों और माफियाओं की कठपुतली बन गए है.


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