Jhunjhunu news: झुंझुनूं जिले में यमुना के पानी को लेकर संघर्ष कर रहे किसान संगठन अब हरियाणा से डीपीआर के एमओयू होने के बाद भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. यमुना जल महासंघर्ष समिति की ओर से आज यमुना नहर की पुरानी डीपीआर को मंजूरी दिलवाने और 1994 में हुए जल समझौते के अनुसार जिले को पानी देने की मांग को लेकर जिले भर में धरने का आह्वान किया गया.


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तकनीकी अप्रूवल की मांग


इसी कड़ी में आज झुंझुनू जिला मुख्यालय पर भी धरना दिया गया. किसान नेता बजरंगलाल ने बताया कि किसानों की मांग है कि वर्ष 2019 में बनाई गई 31 हजार करोड़ रुपए की डीपीआर को तकनीकी अप्रूवल मिले. उस डीपीआर में 6 पाइपलाइन के जरिए पानी मिलना था. अब नए समझौते में तीन पाइपलाइन के जरिए पानी मिलने की बात कही जा रही है. 



1994 के सौमझते पर बने बात


ऐसे में जो 1994 में यमुना जल समझौता हुआ था. उसके अनुरूप झुंझुनू को उसके हिस्से का पानी नहीं मिलेगा. किसानों की मांग है कि 1994 में हुए यमुना जल समझौते के तहत झुंझुनूं जिले को सिंचाई और पीने का पानी मिले .नए समझौते में झुंझुनूं जिले के हिस्से की कटौती किसानों को स्वीकार नहीं है. अगर जल्द ही इसको लेकर फैसला नहीं होता है तो बड़ा आंदोलन करेंगे.


गांव-गांव धरने पर किसान
झुंझुनूं जिले में यमुना के पानी की मांग को लेकर गांव-गांव धरने पर बैठे किसान आज यमुना जल महा संघर्ष समिति के आह्वान पर झुंझुनूं कलेक्ट्रेट पहुंचे. 1994 में पांच राज्यों के बीच हुए यमुना जल समझौते को लागू करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. 



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