Nawalgarh, Jhunjhunu News: शादी में साथ जीने-मरने की कसम खाने वाले तो आपको कई जगह नजर आते हैं, लेकिन इन कसमों को निभाने वाले बहुत ही कम होते हैं. शादी के मंडप पर जन्म-जन्म का साथ निभाने की शपथ को निभाने वाली ऐसी ही एक जोड़ी नवलगढ़ के बुगाला गांव के फूलचंद व लिछमा देवी की है. इस जोड़ी ने साथ जीने-मरने की कहानी को सच साबित कर दिया. 


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पति फूलचंद की मौत के एक मिनट बाद ही पत्नी लिछमा देवी की भी मौत हो गई. मौत के बाद दोनों की शवयात्रा भी साथ-साथ निकाली गई और एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया.अब यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. 



जानकारी के अनुसार, नवलगढ़ क्षेत्र के बुगाला गांव में रविवार की रात महज एक मिनट के अंतराल में पति-पत्नी का निधन हो गया. रात करीब 10.15 बजे पहले पति ने अंतिम सांस ली, इसके बाद महिला अपने पति की मौत का सदमा सहन ना कर सकी और एक मिनट बाद ही उसने भी दम तोड़ दिया. सोमवार को दोनों को एक ही अर्थी पर मुक्तिधाम तक ले जाया गया, जहां पर दोनों की एक साथ एक ही चिता पर अंत्येष्टि की गई. 



जानकारी के अनुसार, जलदाय विभाग से रिटायर 65 वर्षीय फूलचंद बधालिया का रविवार की रात करीब 10.15 बजे निधन हो गया. यह बात जब उनकी 64 वर्षीय पत्नी लिछमा देवी को पता चली तो सदमे में उनका भी निधन हो गया.



बेटे जसवंत ने बताया कि रात को खाना खाकर घरवाले सो गए थे. पिता की तबीयत बिगड़ी तो मां ने उठाया तब तक पिता का निधन हो चुका था. पति के निधन की खबर सुनते ही एक मिनट बाद ही उन्होंने भी दम तोड़ दिया.



वहीं, सोमवार सुबह दोनों के शव एक ही अर्थी पर मुक्तिधाम ले जाए गए, जहां एक ही चिता पर दोनों की अंत्येष्टि की गई. पुत्र जसवंत सिंह ने मुखाग्नि दी. दंपती के एक बेटा जसवंत व चार बेटियां संतोषए नानचीए सरोज व सुनीता हैं.



सभी की शादियां हो चुकी हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, आज तक सुनते आए हैं कि फूलचंद 2019 में जलदाय विभाग में हेल्पर के पद से रिटायर हुए थे, वे तब से घर पर ही थे.