Rajasthan News: झुंझुनूं के पंचदेव मंदिर के पास शुक्रवार को करंट लगने से इस्लामपुर निवासी जहांगीर की मौत के मामले में प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत के आश्वासन के बाद परिजन मान गए है, जिसके बाद धरना प्रदर्शन खत्म हो गया है. दरअसल, जहांगीर की मौत के बाद परिजन शुक्रवार दोपहर से ही बीडीके अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे थे. पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, मदरसा बोर्ड चेयरमैन एमडी चोपदार, इस्लामपुर सरपंच आमिन मणियार तथा मदरसा बोर्ड झुंझुनूं के जिलाध्यक्ष इमरान बड़गुर्जर समेत अन्य की अगुवाई में प्रदर्शन चल रहा था. 


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करीब छह घंटे तक चला समझाइश का दौर 
वहीं, शनिवार को बीडीके अस्पताल के पीएमओ कक्ष में एडीएम रामरतन सौंकरिया, झुंझुनूं एसडीएम सुमन सोनल व चिड़ावा एसडीएम बृजेश गुप्ता की मौजूदगी में वार्ता हुई. करीब छह घंटे तक विभिन्न दौर में चली वार्ता के बाद सहमति बनी और परिजन शव लेने पर राजी हुए. इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी तथा भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य विश्वंभर पूनियां ने करीब तीन बार जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत से परिजनों की बात करवाई. अविनाश गहलोत ने परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया, जिस पर परिजन माने. 


इन मांगों पर बनी सहमति 
सरपंच आमिन मणियार ने बताया कि फिलहाल 15 लाख रूपए की आर्थिक सहायता, समाज कल्याण विभाग में जहांगीर के एक परिजन को संविदा पर नौकरी तथा दोषियों पर कार्रवाई के आश्वासन पर धरना उठा लिया गया है. उन्होंने बताया कि मंत्री और एडीएम ने उन्हें आश्वस्त किया है कि इस मामले को लेकर एक जांच कमेटी गठित की जाएगी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इधर, जहांगीर के परिजनों को पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार तथा मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी की ओर से एक—एक लाख रूपए देने की घोषणा की गई. यह राशि परिजनों को दी जाने वाली 15 लाख रूपए की राशि में ही शामिल है. इस मामले में मृतक के परिजनों ने भी कोतवाली में बिजली निगम के अधिकारियों—कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने की रिपेार्ट दी है. 


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