Jhunjhunu News: झुंझुनूं के नवलगढ़ से बड़ी खबर मिल रही है. नवलगढ़ पंचायत समिति बीडीओ सुनिता कुमावत विवादों में आ गई है, जिसके चलते उन्हें जिला परिषद सीईओ अम्बालाल मीणा द्वारा कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है.


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दरअसल हरिशचंद्र माथुर राज्य लोक प्रशासन संस्थान जयपुर में प्रशिक्षण के लिए बीडीओ सुनिता कुमावत को 30 मई को रिलीव कर दिया था और वे 31 मई को एईएन को अपना चार्ज भी दे चुकी थी. 



रिलीव होने के तीन दिन बाद रविवार को अचानक सुनिता कुमावत पंचायत समिति कार्यालय पहुंची और कुछ फाइलों पर साइन किए. ये फाइलें कौनसी थी. यह तो पता नहीं चल पाया है लेकिन तभी कुछ लोग पंचायत समिति पहुंच गए. जहां पर आम दिनों की तरह काम-काज हो रहा था. तीन दिन पहले रिलीव हो चुकी बीडीओ भी कुर्सी पर बैठकर धड़ाधड़ साइन कर रही थी. जब लोगों को देखा तो बीडीओ सकपका गई और सारा काम-काज छोड़कर बाहर आ गई. इस दौरान जब लोगों ने बीडीओ से पूछा तो वे कोई जवाब नहीं पाई. अलग-अलग बहाने बनाती दिखी. इस प्रकरण का वीडियो बनाकर वायरल किया गया है. जो जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल के पास पहुंचा. इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर जिला परिषद सीईओ अम्बालाल मीणा ने इसे लेकर बीडीओ सुनिता कुमावत को कारण बताओ नोटिस दिया है. जिसका जवाब सात दिन में देना होगा. 



जवाब ना देने पर एकतरफा कार्रवाई की बात भी नोटिस में कही गई है. इस वायरल वीडियो में बार—बार काम को लेकर बीडीओ सुनिता कुमावत अपने बयान बदलती नजर आ रही है. जो लोग पंचायत समिति पहुंचे थे. उन्होंने बाकायदा पूरे प्रकरण का वीडियो बनाया. जब उन्होंने पूछा कि छुट्टी के दिन और यहां से रिलीव होने के बाद भी आप यहां कैसे काम कर रही है. स्टाफ कैसे बुला रखा है. तो पहले तो उन्होंने कहा कि रिलीव होने के बाद कुछ काम ऐसे होते है पेंडिंग, जो करने पड़ते है. छुट्टी के दिन क्यों नहीं कर सकते. पूरा स्टाफ आया है. फिर उन्होंने कहा कि स्टाफ को मैंने नहीं बुलाया. मैं क्वार्टर खाली करने आई थी. तो स्टाफ यहीं था. फिर उन्होंने यह भी कहा कि रिलीव करने के बाद काम क्यों नहीं कर सकते. तो उन्होंने चार्ज लेने-देने की बात कही. पर जब पूछा गया कि आप क्या चार्ज लेने-देने आए है तो वे बात फिर टाल गई. इसके बाद उन्होंने ही कहा कि वे तो मुख्य रूप से तो स्टाफ से मिलने आई थीं इसलिए बुला लिया. बातचीत का जो वीडियो वायरल हो रहा है. उसमें बीडीओ बातों ही बातों में यह कहती हुई नजर आ रही है कि कुछ स्वीकृतियां थी, जिन्हें बैक डेट में साइन करना था. 


सवाल यह है कि आचार संहिता के इस समय में ऐसी कौनसी स्वीकृतियां थी. जिन्हें बीडीओ को साइन करने के लिए रिलीव होने के बाद, छुट्टी के दिन आना पड़ा. या फिर और भी ऐसी कई फाइलें है. जिन पर बीडीओ ने साइन किए है. जो बड़ी जांच का विषय है. 


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